मुरादाबाद में बड़ी लापरवाही, गरीबों की जगह कीड़े डकार गए 80 क्विंटल गेहूं, शिकायत पर नहीं लिया संज्ञान
जिला प्रशासन के अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजने के साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय को शिकायत भेजकर खराब होने से बचे गेहूं को सुरक्षित रखने के साथ ही लापरवाही करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की मांग की गई थी।
मुरादाबाद, जेएनएन। किसानों से खरीदे गए गेहूं को सरकार राशन की दुकानों से गरीबों को वितरण करती है। खरीद का भंडारण करके इस गेहूं का उपयोग जनहित में किया जाता है। सरकारी सिस्टम की लापरवाही के कारण जिस गेहूं का उपयोग गरीबों की भूख मिटाने के लिए किया जा सकता था, उस गेहूं को कीड़े डकार रहे हैं। कोआपरेटिव सोसायटी के सदस्य ने इस मामले की शिकायत दो माह पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों से की थी। लेकिन, शिकायत का कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इसके चलते गोदाम में रखा पूरा गेहूं पूरी तरह से खराब हो चुका है। अगर समय पर अफसर मामले का संज्ञान लेते तो इतना गेहूं खराब न होता।
मूंढापांडे थाने से कुछ दूरी पर उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम का गोदाम बना हुआ है। इस गोदाम में बीते एक साल से 80 क्विंटल गेहूं रखा गया था। गोदाम की देखरेख का जिम्मा कोआपरेटिव सोसायटी के अफसर सम्भालने का काम करते हैंं। करीब दो माह पूर्व गोदाम में रखे गेहूं के खराब होने की शिकायत सोसायटी के सदस्य राजभान ने की थी। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजने के साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय को शिकायत भेजकर खराब होने से बचे गेहूं को सुरक्षित रखने के साथ ही लापरवाही करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन, उनकी शिकायत के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोआपरेटिव सोसायटी के सचिव अशोक कुमार शर्मा ने गोदाम का शटर खोलकर देखा तो गेहूं पूरी तरह खराब हो चुका था। जब इस मामले में उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि पूर्व में तैनात रहे सचिव की लापरवाही के कारण गेहूं खराब हुआ है। अगर समय पर गोदाम को चेक किया जाता तो गेहूं को खराब होने से बचाया जा सकता था।
बीते तीन माह से लगातार इस मामले की शिकायत की गई। लेकिन किसी के द्वारा शिकायत का संज्ञान नहीं लिया गया। अगर समय पर कार्रवाई हो जाती तो गेहूं को कीड़ों से बचाया जा सकता है। सभी के स्तर से इस मामले में लापरवाही हुई है।
राजभान सिंह, सदस्य, सहकारी संघ सोसायटी मूंढापांडे
आरोपों से पल्ला झाड़ने में जुटे अफसर
गोदाम में गेहूं की सुरक्षित रखने वाली सोसायटी के पदाधिकारी इस मामले में एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। मौजूदा सोसायटी के सचिव अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि पूर्व में तैनात सचिव ने उन्हें अभी तक चार्ज नहीं दिया है। काफी दबाव के बाद गोदाम की चाबी मिली थी। जिसके बाद गोदाम को खोलकर देखा गया तो गेहूं खराब हो चुका था। जबकि नियम के अनुसार अगर गेहूं खराब होने की स्थिति में पहुंचने लगता तो उस गेहूं का उपयोग करके नया गेहूं रखने का नियम है। लेकिन यहां पर इस नियम का पालन नहीं हुआ।
नकली दवा उपयोग करने का लगाया आरोप
मुख्यमंत्री कार्यालय में की गई शिकायत में सोसायटी के सदस्य राजभान ने आरोप लगाया कि गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए जिन दवाओं का उपयोग किया गया है,वह सभी दवाएं नकली रही हैं। अगर असली दवाओं का उपयोग किया जाता तो एक साल से अधिक समय तक गेहूं को सुरक्षित रखा जा सकता था। लेकिन पैसे को बचाने के लिए गेहूं की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा गया।
जिला प्रबंधक ने खुद को व्यस्त बताकर नहीं दिया जवाब
उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज श्रीवास्तव से जब इस मामले में बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने खुद को आवश्यक बैठक में होने की बात कही। इसके बाद कई बार उनसे बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई बात नहीं हो सकी। गोदाम में रखे गेहूं के उपयोग और वितरण की जिम्मेदारी इसी विभाग की होती है।
गोदाम में रखा गेहूं पूरी तरह से खराब हो चुका है। गेहूं में घुन लगने से अब इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है। मौजूदा समय में लगभग 80 क्विंटल गेहूं गोदाम में मौजूद है। पूर्व सचिव के द्वारा चार्ज न दिए जाने के कारण अभी तक इस मामले में मैं कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा हूं।
अशोक कुमार शर्मा, सचिव, सहकारी संघ सोसायटी, मूंढ़ापांड़े
गोदाम को समय पर चेक करने से साथ खराब होने से पहले गेहूं का उपयोग करने के साथ ही नए गेहूं रखने का नियम है। मामले की जांच कर करके नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
प्रशांत तिवारी, उपजिलाधिकारी, सदर
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