UP News: पिता की गोली मारकर हुई थी हत्या, 9 साल बाद बेटी ने डिप्टी एसपी बनकर सपना किया पूरा; IPS बनना लक्ष्य
Moradabad News 23 फरवरी 2015 को मुरादाबाद में एक ऐसा हत्याकांड हुआ था जिसने पूरे परिवार को हिलाकर रख दिया था। एक बेटी के सिर से पिता का साया उठ गया। पत्नी विधवा हो गई। परिवार का मुखिया छिन गया। लेकिन परिवार ने हौसला दिखाया और बेटी ने पिता का सपना पूरा किया। पूर्व ब्लॉक प्रमुख योगेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। पूर्व ब्लॉक प्रमुख योगेंद्र सिंह हत्याकांड के बारे में जब भी बात होती है। तब सुनने वालों की रूह कांप जाती है। जरा सोचिए, उनके परिवार पर वह समय कैसा बीता होगा? उस समय पूरा परिवार टूट गया था लेकिन, कोई हारा नहीं।
परिस्थितियों से लड़कर बेटी आयुषी सिंह करीब नौ साल बाद डिप्टी एसपी भी बन गईं। मगर, वह अभी रुकने वाली नहीं हैं। वह आईपीएस अधिकारी बनकर पिता के सपने को पूरा करना चाहती हैं जिसके लिए वह डिप्टी एसपी के पद पर अपना शत प्रतिशत देने के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी है।
बुलंदशहर में हुई है पहली तैनाती
आयुषी की पहली तैनाती बुलंदशहर में हुई है, जहां वह मंगलवार को पहुंच गईं। दीक्षा समारोह के बाद सोमवार को जब वह घर पहुंची, तब बधाई देने वालों का तांता लग गया। फूल बरसाए गए।
ली डिप्टी एसपी के पद पर शपथ
डिलारी की ब्लाक प्रमुख पूनम सिंह की बेटी आयुषी सिंह ने सोमवार को डिप्टी एसपी के पद पर शपथ ली। इसके बाद जब वह अपने परिवार से मिली, तो हर कोई भावुक हो उठा। आयुषी का जीवन किसी भी परिस्थितियों में हार न मानने की कहानी बयां करती हैं। उन्होंने अपने जीवन में बहुत से ऐसे पल देखे, जहां पूरे परिवार पर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा। सिर से पिता का सहारा उठ गया। इन परिस्थितियों में भी खुद पर विश्वास कभी टूटने नहीं दिया। वह डिप्टी एसपी बनी, तो पिता के अधूरे सपने को पूरा करने की खुशी थी लेकिन, जीवन के इतने अहम पल में पिता के साथ न होने का गम उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था। इस समय वह अपनी मां और भाई से मिलकर भावुक भी हो गई।
अपनी मां के सिर पर आयुषी सिंह ने पहनाया कैप।
परिवार वालों ने जोरदार स्वागत किया
आयुषी जब घर पहुंची, तो परिवार वालों ने जोरदार स्वागत किया। आयुषी ने बताया कि पिता के सपने को सच करना किसी भी बेटी के लिए सम्मान की बात होती है। मुझे अभी यहीं नहीं रुकना है। मेरी लक्ष्य आईपीएस अधिकारी बनना है जिसके लिए यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करनी है। डिप्टी एसपी के पद पर रहकर हर पीड़ित को इंसाफ दिलाना प्राथमिकता है।
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23 फरवरी 2015 को हुई थी आयुषी के पिता की हत्या
4 मार्च 2013 को छात्र नेता रिंकू चौधरी की हत्या हुई थी। इस हत्या में पूर्व ब्लॉक प्रमुख योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा का नाम सामने आया था जिसकी वजह से 20 जनवरी 2014 में योगेंद्र ने कोर्ट में सरेंडर किया और उसके बाद से वह जेल में ही थे। 23 फरवरी 2015 को योगेंद्र को कोर्ट में पेशी पर लाया गया। चारों तरफ पुलिसकर्मी मौजूद थे। कोर्ट के बाहर योगेंद्र बेंच पर बैठे थे। तभी रिंकू चौधरी का भाई सुमित योगेंद्र के पास आया, पैर छुए और गोली मार दी। योगेंद्र को तुरंत अस्पताल लाया गया। जहां डाक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया था।