बारिश ने तोड़ा वर्ष 2011 का रिकार्ड, अहरौरा व जरगो जलाशय के चार गेट से छोड़ा जा रहा पानी
अहरौरा डोंगिया और जरगो जलाशयों के क्षेत्रों में भारी बारिश से रिकार्ड टूट गए हैं। अहरौरा जलाशय में जलस्तर बढ़ने से चार गेट खोले गए। जरगो जलाशय भी भर गया पांच हजार क्यूसेक पानी निकाला गया। बारिश के कारण डोंगिया जलाशय फिर से छलकने लगा जिससे झरनों में बाढ़ आ गई और सैलानियों के लिए रोक लगा दी गई।

जागरण संवादाता, अहरौरा (मीरजापुर)। डोंगिया, अहरौरा व जरगो जलाशयों के झील व पहाड़ी क्षेत्रों में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने सारे रिकार्ड तोड़ दिया है। मंगलवार को अहरौरा जलाशय पर 105 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड किया गया। जो 2011 के रिकार्ड 95 एनएम बारिश से भी 10 एमएम ज्यादा बारिश दर्ज किया गया है।
जिससे सोमवार को 256 फीट तक पहुंच चुके अहरौरा जलाशय में तेजी से उछाल शुरु हुआ और देखते ही देखते महज कुछ ही घंटों में जलाशय 360 फीट के अंतिम पायदान पर पहुंचने लगा। तेजी से पानी की वृद्धि होता देख सिंचाई विभाग के अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे आनन फानन में जलाशय के चार गेट को दो फीट तक खोलकर पानी निकालना शुरु कर दिया गया।
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तो वहीं जरगो जलाशय पर भी 100 मिलीमीटर बारिश ने पूर्व के सारे रिकार्ड को तोड़ दिया।जरगो जलाशय पर पानी की तेजी से हो रही वृद्धि से जलाशय लबालब भर कर आखिरी क्षमता 320 के करीब पहुंच गया। मंगलवार की तड़के सुबह ही जरगो जलाशय के चार गेट खोलकर पांच हजार क्यूसेक पानी निकाला जाने लगा।
सोमवार को हुई बारिश जो 15 वर्षों तक का रिकार्ड तोड़ दिया है।बारिश के चलते शांत हुए डोंगिया जलाशय के छलके से पानी तीव्र गति से फिर से छलकना शुरु कर दिया।जिसके चलते चुनादरी व लिखनिया दरी जल प्रपात के झरनों में पानी बाढ़ का रूप धारण कर लिया जिसके चलते जल प्रपातों पर सैलानियों के लिए रोक लगा दी गई।
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अहरौरा चकिया मुख्यमार्ग पर आवागमन बाधित
सोमवार को हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने अहरौरा जलाशय से जल प्रवाह को तेज कर दिया। पांच हजार क्यूसेक पानी जलाशय के चार गेट से छोड़े जाने के बाद मदारपुर गांव के पास बने पुल पर पानी चार फीट उपर से गुजरने लगा,जिस वजह से वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने राहगीरों की सुरक्षा को लेकर आवागमन पर रोक लगा दिया। जिस वजह से 30 किलोमीटर दूर तक राहगीरों को सफर करना पड़ रहा हैं।
खेतों व रपटों पर बढ़ने लगा पानी: रिकॉर्ड तोड़ बारिश व जलाशय से छोड़ा से निकाला जाना जा पानी ने एक बार फिर से प्रभावित ग्रामीणों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच आई। किसानों की डूबी फसलों से पानी कम होने का अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन फिर से प्रभावित खेतों में तेजी से पानी बढ़ गया जिससे किसानों की समस्या जस की तस बनी रह गई वही पशुओं के लिए बारिश में आफत बन आई हैं। कई इलाकों के रपटों पर पानी तेजी से गुजरने लगा जिस वजह से आवागमन बाधित हो गया हैं।
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