मीरजापुर के चील्ह थाने में तैनात दारोगा ने किराए के कमरे में पंखे से लगाई फांसी, मौत
मीरजापुर के चील्ह थाने में तैनात दारोगा अनिल ओझा ने अपने किराए के आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार अनिल ओझा पिछले दो वर्षों से चील्ह थाने में तैनात थे। आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। जिले के चील्ह थाने में तैनात दारोगा अनिल ओझा ने अपने किराए के आवास में आत्महत्या कर ली। यह घटना शनिवार की दोपहर की है, जब उन्होंने अपने कमरे में पंखे से रस्सी के माध्यम से फांसी लगाई। दारोगा की मौत की सूचना मिलते ही पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे।
प्रभारी निरीक्षक विजय शंकर सिंह, सीओ सदर अमर बहादुर और एएसपी नगर नितेश सिंह सहित कई पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, अनिल ओझा पिछले दो वर्षों से चील्ह थाने में तैनात थे और थाने से लगभग 200 मीटर दूर एक किराए के कमरे में निवास कर रहे थे।
यह भी पढ़ें : Chandra Grahan 2025 : चंद्रग्रहण से मेष, वृष, कन्या, धनु राशि वालों को मिलेगा सुख-सौभाग्य, जानें सभी राशियों का हाल...
इस घटना ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं और यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या कोई मानसिक तनाव या अन्य कारण इस आत्महत्या के पीछे हो सकता है।
अनिल ओझा की आत्महत्या ने उनके परिवार और दोस्तों को गहरे सदमे में डाल दिया है। उनके सहकर्मियों का कहना है कि वह एक समर्पित और मेहनती अधिकारी थे। उनके अचानक इस तरह से चले जाने से सभी को दुख हुआ है।
पुलिस के अनुसार सुबह लगभग 9:30 बजे चील्ह थाना के मेस से खाना लेकर कमरे पर आए थे। लगभग 12:15 बजे घटना की जानकारी थाना चील्ह को हुई। उप निरीक्षक अनिल कुमार ओझा 1987 बैच के थे। उनको दो वर्ष बाद 2027 में रिटायरमेंट भी होना था। उप निरीक्षक अनिल कुमार ओझा गांव मकरी थाना प्रतापगढ़ के रहने वाले थे।
अनिल कुमार ओझा मानसिक रूप से विगत कुछ दिनों से परेशान चल रहे थे। वहीं जानकारी होने के बाद घटनास्थल पर क्षेत्राधिकार सदर मौके पर पहुंच गए और आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के साथ ही परिजनों को भी सूचित किया।
यह भी पढ़ें : Chandra Grahan 2025 : साल का अंतिम चंद्रगहण कल, पितृपक्ष पर नहीं होगा सूतक का प्रभाव
पुलिस विभाग में इस प्रकार की घटनाएं दुर्लभ होती हैं, लेकिन जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या पुलिसकर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता की आवश्यकता है। कई बार, पुलिसकर्मी अपने काम के दबाव और तनाव को अपने भीतर ही समेट लेते हैं, जिससे ऐसे गंभीर परिणाम सामने आते हैं।
इस घटना के बाद, पुलिस विभाग ने अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता को महसूस किया है। अधिकारियों का मानना है कि पुलिसकर्मियों को नियमित रूप से मानसिक स्वास्थ्य जांच और परामर्श की सुविधा मिलनी चाहिए, ताकि वे अपने तनाव को साझा कर सकें और आवश्यक सहायता प्राप्त कर सकें।
यह भी पढ़ें : Chandra Grahan 2025 : चंद्रग्रहण की वजह से शाम की गंगा आरती दोपहर में, काशी में सूतक के दौरान बदल जाएगा धार्मिक आयोजन का समय
इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने की आवश्यकता है। आत्महत्या एक गंभीर समस्या है, और इसे रोकने के लिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
इस दुखद घटना के बाद, पुलिस विभाग ने अनिल ओझा के परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जा रही है।
यह भी पढ़ें : बनारस में सब्जियों के दाम में आई नरमी, टमाटर का दाम हुआ आधा, बेंगलुरु की सब्जियों ने घटाए तेवर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।