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    UPSC Result 2021: जानें कौन हैं यूपीएससी टापर श्रुति शर्मा, बिजनौर-दिल्‍ली से क्‍या है नाता ? पढ़ें परिवार की डिटेल

    By Parveen VashishtaEdited By:
    Updated: Mon, 30 May 2022 06:10 PM (IST)

    UPSC Results 2021 संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा 2021 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के बास्‍टा निवासी श्रुति शर्मा ने पहला स्थान स्थान प्राप्त किया है। उन्‍होंने दिल्ली में अपनी पढ़ाई की है। वह इतिहास की छात्रा रही हैं।

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    बिजनौर के गांव बास्‍टा की निवासी हैं यूपीएससी टापर श्रुति शर्मा

    बिजनौर, जागरण संवाददाता।  संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2021 के नतीजों में जिलेे के  गांव बास्टा की बेटी ने इतिहास रच दिया। श्रुति शर्मा ने यूपीएससी टॉप किया है। यह खबर जब उनके गांव पहुंची तो, हर किसी के चेहरे पर मुस्कान छा गई। श्रुति का परिवार दिल्ली में रहता है, लेकिन गांव से आज भी उनका जुड़ाव है। 

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    गांव में बीता है श्रुति का बचपन 

    जिले के तहसील मुख्‍यालय चांदपुर से करीब दस किलोमीटर दूर स्थित गांव बास्टा निवासी स्व. डा. देवेंद्र शर्मा के छोटे पुत्र सुनील दत्त शर्मा की पुत्री श्रुति शर्मा का जन्म एक मार्च 1997 को यहीं हुआ। बचपन तो गांव में ही बीता, लेकिन सुनीत दत्त शर्मा बच्चों को लेकर दिल्ली में बस गए। वह आर्किटेक्ट इंजीनियर हैं। श्रुति की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सरदार पटेल विद्यालय में हुई। यहीं से उन्होंने इंटरमीडिएट किया। उसके बाद सेंट स्टीफन कालेज दिल्ली यूनिवर्सिटी से इतिहास में बीए आनर्स किया। चांदपुर के दयाविहार कालोनी निवासी श्रुति के ताऊ डा. वाईडी शर्मा ने बताया कि वह बचपन से ही काफी होनहार रही। बीए करते हुए ही उन्होंने सिविल सेवा में जाने का लक्ष्य बना लिया था। बीए आनर्स करने के बाद श्रुति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही माडर्न हिस्ट्री में एमए किया। उसके बाद जामिया मिलिया इस्लामिया में आवासीय एकेडमी आरसीए से कोचिंग ली। वर्ष 2021 में यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुई। जिसमें उन्होंने सफलता के झंडे गाड़ते हुए पहली रैंक हासिल की। श्रुति के ताऊ ने बताया कि श्रुति के पिता सुनील दत्त शर्मा काफी समय से पहले ही दिल्ली चले गए थे। वर्तमान में वह ईस्ट आफ कैलाश, साउथ दिल्ली में रहते हैं। 

    10 से 12 घंटे तक की पढ़ाई 

    कहते हैं कि सफलता पाना उतना आसान नहीं है, लेकिन यदि मेहनत और लगन के साथ तैयारी की जाए तो कोई भी मंजिल पाई जा सकती है। श्रुति शर्मा ने यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार दस से 12 घंटे तक की पढ़ाई की। शुरुआत से ही श्रुति को अपनी मंजिल प्राप्त करने की चाह थी, जो उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर हासिल की। 

    कविता लेखन का है शौक 

    श्रुति के पिता सुनील दत्त शर्मा ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें कविता लेखन का भी शौक है। वह हिंदी और इंग्लिश दोनों माध्यम में कविता लिखती हैं। परिवार के लोगों ने भी उसका लगातार हौंसला बढ़ाया है। श्रुति की माता रचना शर्मा गृहणी हैं। उन्होंने भी श्रुति शर्मा को आगे बढ़ने की राह दिखाई। यही वजह है कि श्रुति आज इस मुकाम पर पहुंची है। श्रुति से छोटा उनका आदित्य भाई है। वर्तमान में वह अंडर 23 क्रिकेट में यूपी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 

    बच्चों का करती रहीं हैं मार्गदर्शन

    श्रुति शर्मा के पिता इंजीनियर होने के साथ-साथ बास्टा में बाल ज्ञान निकेतन के नाम से इंटर कालेज चलाते हैं। बीच-बीच में वह बास्टा स्थित मकान पर भी रुकते रहते हैं। यही नहीं हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के बच्चों को कैरियर के प्रति सजग करने के लिए श्रुति शर्मा को माध्यम बनाया। सुनील दत्त शर्मा ने बताया कि श्रुति पिछले दो वर्षों से समय निकालकर बास्टा पहुंचीं और हाईस्कल व इंटरमीडिएट के बच्चों को भविष्य चुनने की राह दिखाती रही हैं। 

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