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    बागेश्वर धाम दरबार में लगी दारोगा की अर्जी, ड्यूटी छोड़ दर्शन को पहुंचे; SP City बोले- 'उसे स्टेज से उतारो वरना...'

    Updated: Fri, 28 Mar 2025 05:14 PM (IST)

    Bageshwar Dham Baba बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मेरठ में हनुमान कथा के दौरान कई महत्वपूर्ण बातें कहीं । उन्होंने कहा कि हनुमान जी संतों की रक्षा करने वाले और असुरों-दानवों का सर्वनाश करने वाले हैं । हनुमान जी पूर्ण रूप से मंगलकारी हैं। यदि हनुमान जी की शरण में रहना है तो बुरे व्यसन छोड़ने होंगे।

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    Bageshwar Dham Baba : बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री. Jagran File

    जागरण संवाददाता, मेरठ । Bageshwar Dham Baba : जागृति विहार एक्सटेंशन में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सिविल लाइंस में तैनात दारोगा वीरपाल की भी दरबार में अर्जी लगा दी। वीरपाल भी भीड़ के बीच से ड्यूटी छोड़कर स्टेज पर पहुंच गया। उसके बाद अफसरों को मामले की जानकारी मिली।

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    एसपी सिटी आयुष विक्रम ने वीरपाल को स्टेज पर भीड़ के बीच बैठा देखकर तत्काल सीओ सिविल लाइंस को कहा कि उसे स्टेज से उतारो। वरना उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करनी पड़ेगी। तत्काल ही आयोजक से बताया गया कि दारोगा को स्टेज ने नीचे लेकर आओ। आयोजक बीरपाल को स्टेज से नीचे लेकर आए। तब सीओ ने उसे समझाकर वहां से ड्यूटी प्वाइंट पर भेज दिया।

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    एसपी सिटी का कहना था कि ड्यूटी के दौरान दारोगा का स्टेज पर बैठना उचित नहीं था। इसलिए उसे नीचे उतार लिया गया।

    ड्यूटी प्वाइंट पर नहीं मिले दस पुलिसकर्मी

    सीओ की जांच के दौरान हनुमंत कथा परिसर में ड्यूटी प्वाइंट पर दस पुलिसकर्मी मौजूद नहीं मिले। उक्त पुलिसकर्मी अपने प्वाइंटों को छोड़कर इधर-उधर घूम रहे थे।

    तत्काल ही कथा स्थल पर बनी अस्थाई चौकी पर सभी पुलिसकर्मियों की रपट लिखा दी गई। उसके बाद पुलिसकर्मियों ने चौकी पर पहुंचकर अपनी सफाई दी। लेकिन तब तक अफसर रपट लिखकर निकल गए थे। उसके बाद चौकी से सभी को अपने ड्यूटी प्वाइंट पर मुस्तैदी से काम करने की सलाह दी गई।

    Jagran Graphics.

    चरित्र को बनाने के लिए रामचरितमानस को बनाइए आधार

    मेरठ : जागृति विहार एक्सटेंशन में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के मुखारबिंद से श्री हनुमंत कथा का अमृतमयीरस प्रवाहित हो रहा है। कथा के तृतीय दिवस पर गुरुवार को दिव्य दरबार व कन्हैया मित्तल के भजनों के बाद शाम सात बजे आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने व्यासपीठ से श्री हनुमंत कथा के क्रम को आगे बढ़ाया। उन्होंने सीताराम-हनुमान, सीताराम-हनुमान से शुरुआत की।

    हिंदू राष्ट्र की जय, बागेश्वर धाम की जय, बाबा औघड़नाथ की जय, बिल्वेश्वर की जय, मनसा देवी की जय, पंचमुखी हनुमान की जय के जयकारे लगवाए। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मेरठ की क्रांतिधरा पर हनुमान जी की महिमा का गुणगान चल रहा रहा है। लाखों श्रद्धालु धर्मलाभ उठा रहे हैं। हनुमान जी के बारे में बताया कि वह संतों की रक्षा करने वाले हैं और असुरों-दानवों का सर्वनाश करने वाले हैं।

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    हनुमान जी पूर्ण रूप से मंगलकारी हैं। यदि हनुमान जी की शरण में रहना है तो बुरे व्यसन छोड़ने होंगे। हनुमान जी को केवल राम जी ही दिखाई पड़ते हैं। हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए मांस-मदिरा समेत सभी बुरे व्यसन त्यागने होंगे।

    जीवन में संगत का बहुत बड़ा असर है। अच्छी संगत का असर है कि रावण के महल में रहते हुए भी विभीषण नहीं बिगड़े, क्योंकि उन्हें प्रभु श्रीराम चंद्र जी की शरण मिल गई थी और वहीं दशरथ के महल में रहते हुए भी गलत संगत के कारण मंथरा ने दरबार की सारी खुशियां छीन ली।

    संस्कारों व संगत से हारी हुई दुनिया को भी जीता जा सकता है और संस्कार व संगत के कारण ही सब कुछ जीता हुआ भी एक दिन हार के कारण छोड़ना पड़ सकता है। अंजनी के लाल थोड़ा ध्यान दीजिए भजन गायन कर पूरा पंडाल हनुमानमय कर दिया। कथा में दूर-दराज से पहुंचे लोग प्रसाद, मिष्ठान, तस्वीर बनाकर लाए और सेवादारों के माध्यम से मंच पर पहुंचाने के लिए आतुर दिखाई पड़े।