UP News: टोल प्लाजा पर हुए हमले में घायल फौजी कपिल मेरठ के सैनिक अस्पताल में भर्ती, अब कैसा है उनका हाल ?
Meerut News मेरठ में टोल कर्मियों ने सैनिक कपिल के साथ मारपीट की थी जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें पैर और जांघ में चोटें आई हैं और डाक्टरों ने उन्हें एक सप्ताह के लिए अस्पताल में भर्ती रहने की सलाह दी है। उधर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने घटना का संज्ञान लेते हुए डीएम एसएसपी और एनएचएआइ से रिपोर्ट मांगी है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। टोल कर्मियों की मारपीट में जख्मी ग्रेनेडियर कपिल के दाहिने पैर की जांघ और घुटने में सबसे अधिक चोटें लगी हैं। सैनिक अस्पताल में उपचाराधीन सिपाही कपिल की कोई हड्डी तो नहीं टूटी है लेकिन उनकी मांसपेशियों में अधिक चोट लगी है, जिसकी रिकवरी में समय लगेगा। सैनिक अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें एक सप्ताह भर्ती रहकर इलाज कराने की सलाह दी है।
कपिल की तैनाती 29 राष्ट्रीय राइफल्स में
ग्रेनेडियर कपिल की तैनाती 29 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) श्रीनगर में है। कपिल अपनी छुट्टी खत्म करने के बाद रविवार शाम वापस जा रहे थे। कपिल ने सेना में होने का परिचय देते हुए आइकार्ड दिखाया और उनकी गाड़ी जल्द निकालने का आग्रह किया तो मेरठ करनाल हाईवे पर भूनी टोल प्लाजा पर टोलकर्मियों ने आइकार्ड फेंक दिया।
चार आरोपितों ने हाथ पकड़े और खंभे से बांध कर पीटा
चार आरोपितों ने हाथ पकड़े और खंभे से बांध कर जमकर पीटा। घटना को लेकर सोमवार को टोल पर घंटों हंगामा हुआ था, तोड़फोड़ भी की गई थी। मारपीट की प्रसारित वीडियो में भी साफ दिखाई दे रहा है कि जब सिपाही कपिल का हाथ खंभे के पीछे से पकड़कर सामने से डंडे से मारा जा रहा है। वह हमला उनके पैर पर ही हुआ जिसमें उनकी जांघ की मांसपेशियों में अधिक चोट लगी है। मांसपेशियों को हुआ नुकसान
एक ही स्थान पर बार-बार हमला करने से यहां की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा है। पैर के अलावा उनके हाथ और चेहरे पर चोटें लगी है। हालांकि चिकित्सकों के अनुसार वह अब खतरे से बाहर हैं लेकिन स्वस्थ होने में समय लगेगा। उधर, मंगलवार को रालोद के पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के प्रतिनिधिमंडल ने सर्जिकल वार्ड में भर्ती कपिल से मुलाकात कर हाल जाना।
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मानवाधिकार आयोग ने डीएम और एसएसपी से दो सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक शिकायत पर घटना का संज्ञान लिया है। शिकायतकर्ता ने सैनिकों की सुरक्षा व सम्मान को लेकर चिंता जताई है। टोल पर यात्रा को सुरक्षित कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि एनएचएआइ की तरफ से टोल पर 20 लाख का जुर्माना लगाया है। उक्त मुआवजा पीड़ित को दिया जाए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस प्रकरण में डीएम-एसएसपी और एनएचएआइ दिल्ली के अधिकारियों को नोटिस देकर दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।

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