रेलवे ने 22 से दिल्ली-सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन के संचालन को दी हरी झंडी
11 माह बाद पैसेंजर ट्रेनें पटरी पर दौड़ेंगी। रेलवे बोर्ड ने 35 पैसेंजर ट्रेनों को हरी झंडी दी है। दिल्ली-सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन 22 फरवरी से वाया मेरठ होकर चलेगी।
मेरठ, जेएनएन। 11 माह बाद पैसेंजर ट्रेनें पटरी पर दौड़ेंगी। रेलवे बोर्ड ने 35 पैसेंजर ट्रेनों को हरी झंडी दी है। दिल्ली-सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन 22 फरवरी से वाया मेरठ होकर चलेगी। मेरठ से दिल्ली और अन्य शहरों में कामकाज के लिए जाने वाले यात्री लंबे समय से ट्रेनों के संचालन की मांग कर रहे थे। दिल्ली सहारनपुर पैसेंजर अनारक्षित होगी। इसके टिकटों की बिक्री के काउंटर खोले जाएंगे, जो 20 मार्च से बंद थे।
पैसेंजर ट्रेन में देना पड़ेगा मेल-एक्सप्रेस का किराया
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार पैसेंजर ट्रेनों में अनाराक्षित सामान्य टिकट लेकर यात्रा की जा सकेगी। पर इसके लिए मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में लगने वाला शुल्क देना होगा। मेरठ से दिल्ली का किराया 20 रुपये है, लेकिन इस ट्रेन से यात्रा करने के लिए लगभग 40 रुपये का टिकट खरीदना होगा। ट्रेन में 12 कोच होंगे।
समय सारिणी
उक्त ट्रेन के टाइम टेबल में आंशिक परिवर्तन है। ट्रेन संख्या 04404 सहारनपुर से 22 फरवरी को सुबह 4.25 बजे आरंभ होगी। सिटी स्टेशन पर यह सुबह 6.28 बजे पहुंचेगी। 6.30 बजे यह मेरठ से दिल्ली के लिए रवाना होगी। यह ट्रेन हर स्टेशन पर रुकेगी। इसके गाजियाबाद पहुंचने का समय 7.52 और दिल्ली पहुंचने का समय सुबह 8.45 है। ट्रेन संख्या 04403 दिल्ली से शाम 4.45 बजे रवाना होगी। वहीं गाजियाबाद से शाम 5.41 बजे प्रस्थान करेगी। मेरठ यह 6.28 बजे पहुंचेगी। जहां से यह मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के लिए शाम 6.30 बजे रवाना होगी।
नकली खाद व दवा से आलू की फसल खराब
आलू की फसल खराब होने के बाद किसान ने जिले में नकली खाद व दवा की बिक्री के संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिख शिकायत की है।
इंचौली के सिखेड़ा निवासी सीताराम पुत्र स्व. दौलत सिंह ने बताया कि दो एकड़ आलू के लिए इंचौली स्थित विक्रय किसान सेवा केंद्र पर नरेंद्र, संजय व बाबू के यहां से 6 बैग डीएपी, 5 बैग सिगल सुपर, 3 बैग पोटाश, 30 किलो फेरस व एक लीटर रिकाल खरीदा था। सीताराम का कहना है कि इस खाद से उसकी आलू की फसल एक माह में पीली पड़ गई। इस संबंध में किसान ने जिला कृषि अधिकारी से सात जनवरी को शिकायत की थी। आरोप है कि इस संबंध में क्या कार्रवाई हुई, इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी कृषि विभाग ने नहीं दी। सीताराम ने मुख्यमंत्री को शिकायत लिख कार्रवाई की मांग की है।
पहले कच्चा बिल बाद में पक्का
किसान सीताराम ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में रिटेलर से पक्का बिल मांगा, लेकिन उसने कच्चा बिल थमा दिया। काफी जद्दोजहद के बाद पक्का बिल बनाकर दिया। सीताराम का आरोप है कि गोदाम की जांच के साथ रिटेलर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए।
इन्होंने कहा-
उर्वरक के नमूने लेकर राजकीय प्रयोगशाला में प्रेषित किए गए हैं। परिणाम प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-प्रमोद सिरोही, जिला कृषि अधिकारी