Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्कूलों को मिली थी आतंकी हमले की धमकी, कैलिफोर्निया से मांगा ई-मेल रिकार्ड, मेरठ के स्कूलों में हुई चेकिंग

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 04:44 PM (IST)

    Meerut News मेरठ के स्कूलों को आतंकी हमले की धमकी मिलने के बाद पुलिस ने बम निरोधक दस्ते के साथ तलाशी अभियान चलाया। सभी 10 स्कूलों में गुरुवार को गहन जांच की गई और स्कूल संचालकों से जानकारी ली गई। धमकी भरे ई-मेल का रिकार्ड कैलिफोर्निया से मंगवाया जा रहा है। स्कूलों ने भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।

    Hero Image
    मेरठ के स्कूलों में हुई चेकिंग, कैलिफोर्निया से मांगा ई-मेल रिकार्ड

    जागरण संवाददाता, मेरठ। आतंकी हमले के भेजे गए धमकी भरे ई-मेल के बाद गुरुवार को पुलिस ने बम निरोधक दस्ते और डाग स्क्वाड के साथ सभी दस स्कूलों में सर्च आपरेशन चलाया। स्कूलों में छुट्टी के बाद पुलिस की तीन टीमों ने देर शाम तक जांच की। स्कूल संचालकों से विवरण लेने के साथ ही जिस ई-मेल से धमकी आई थी, उसका रिकार्ड भी कैलिफोर्निया से मांगा गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुलिस टीम ने सर्च आपरेशन दीवान पब्लिक स्कूल से शुरू किया। स्कूल परिसर के सभी स्थानों पर मेटल डिटेक्टर और डाग स्क्वाड के साथ ने जांच की। इसी तरह केएल इंटरनेशनल स्कूल, मेरठ पब्लिक स्कूल, सत्यकाम इंटरनेशनल स्कूल, शांति निकेतन विद्यापीठ, ब्रेंज एडु वर्ल्ड स्कूल, मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल आदि में टीमों ने सर्च आपरेशन चलाया। इस दौरान स्कूल बसों की भी जांच की गई। कहीं भी कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।

    स्कूल खुलने पर बढ़ी सक्रियता 

    कांवड़ यात्रा के दौरान मिली धमकी के बाद गुरुवार को स्कूल खुले। स्कूलों में सुबह बच्चों को छोड़ने और लेने पहुंचने वाले अभिभावकों के पहचान पत्र देखने के बाद ही उन्हें परिसर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई। अभिभावकों ने भी सहयोग किया। सतर्कता को लेकर स्कूलों ने पहले ही अभिभावकों को संदेश भेज दिया था।

    यह भी पढ़ें- देश के 150 से ज्यादा स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, ई-मेल में लिखा- छिपाए गए हैं कई विस्फोटक

    स्कूलों में कम रही उपस्थिति

    जिन स्कूलों को आतंकी हमले की धमकी भरा ई-मेल मिला था, उनमें गुरुवार को विद्यार्थियों की उपस्थिति भी कम दर्ज हुई। प्रधानाचार्यों का कहना है कि बच्चों की कम उपस्थिति का एक कारण धमकी हो सकती है। वहीं कांवड़ यात्रा के बाद अगले दिन स्कूल खुलने पर कम बच्चे ही स्कूल पहुंचते हैं। गुरुवार और शुक्रवार के बाद सप्ताहांत के कारण भी काफी अभिभावक रविवार शाम तक लौटेंगे, इसलिए भी बच्चे कम रहे।