Meerut: CGHS पैनल से लाइसेंस निलंबन का डर दिखाकर कितने अस्पतालों से हुई अवैध वसूली ? CBI जांच के बाद खुलेगा यह राज
Meerut News मेरठ में सीबीआई ने पांच लाख की रिश्वत लेते हुए केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना के अपर निदेशक कार्यालय अधीक्षक और एक निजी कर्मचारी को मंगलवार शाम उनके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया। सीबीआइ की टीम आरोपितों के बारे में विस्तार से जानकारी जुटा रही है। इसमें एक बिंदु यह भी है कि शहर में और कितने अस्पतालों से अवैध वसूली हुई है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। सीबीआइ की टीम ने केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के अपर निदेशक और मुख्य निरीक्षक को पकड़कर बड़ा पर्दाफाश किया हैं। सीबीआइ से शिकायत की गई कि सीजीएचएस बिल के रकम भुगतान करने के लिए प्रत्येक अस्पताल से दो प्रतिशत रकम वसूली जाती थी। कमीशन की हिस्सेदारी नहीं होने तक बिलों का भुगतान रोक दिया जाता था। इस पूरे काम को कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी कर रहे थे।
सीबीआइ की धरपकड़ के बाद कार्यालय से भाग गए कर्मचारी
सीबीआइ की टीम द्वारा अपर निदेशक और कार्यालय अधीक्षक की गिरफ्तारी के बाद अन्य कर्मचारी भी कार्यालय से निकल गए। मौके पर मौजूद कुछ कर्मचारियों से सीबीआइ की टीम ने पूछताछ जरूर की। तब भी अजय कुमार और लवेश सोलंकी के बारे में किसी ने भी जानकारी नहीं दी। उसके बाद टीम ने रिकार्ड की जांच शुरू कर दी है। देर रात तक सीबीआइ की टीम कार्यालय में कागजात की छानबीन करती रही है।
अस्पतालों से वसूली की जुटाई जा रही जानकारी
सीबीआइ की टीम ने अजय कुमार और लवेश सोलंकी के बारे में विस्तार से जानकारी जुटाई जा रही है। दोनों ही अफसर जिन दो अस्पतालों में बैठकर रकम वसूली करते थे। वहां के स्टाफ के बारे में भी सीबीआइ की टीम ने जानकारी जुटाई है। साथ ही देखा जा रहा है कि अन्य किस किस अस्पताल से कमीशन वसूला जा रहा है और किसे सीजीएचएस पैनल का लाइसेंस निलंबन करने का डर दिखाकर मोटी रकम वसूली जा चुकी है। शिकायतकर्ता विशाल के सामने भी लवेश सोलंकी काफी डील कर चुके हैं। विशाल ने भी सीबीआइ टीम को लवेश सोलंकी के बारे में अहम जानकारी दी है।
पांच-पांच लाख की किश्तों में 50 लाख रुपये देना हुआ था तय
सीजीएचएस के कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी और अस्पताल संचालित कर रहे विशाल के बीच काफी दिनों से रस्साकसी चल रही थी। लवेश की तरफ से 50 लाख रुपये मांगने पर विशाल लगातार सौदेबाजी कर रहा था।
यह भी पढ़ें- Meerut: 50 लाख मांगी रिश्वत, कर्मचारी के पास पहुंचे पांच लाख, फिर CBI के जाल में फंस गए CGHS के अधिकारी
इसके चलते उनके एक अस्पताल का सीजीएचएस पैनल का लाइसेंस निरस्त भी हो चुका है। दूसरे अस्पताल का लाइसेंस बचाने के लिए लवेश सोलंकी से विशाल की सौदेबाजी पांच दिन से चल रही थी। लवेश ने यह सहूलियत दी थी कि 50 लाख की रकम पांच-पांच लाख की किश्तों में दे सकते हैं। मंगलवार को रकम की पहली किश्त पांच लाख रुपये देते हुए ही सीबीआइ ने तीन आरोपितों को पकड़ा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।