Meerut: CGHS अफसरों के रिश्वत मामले में अब यह पता चला, लवेश की खुर्जा में जमीन, AD से CBI ने आभूषणों का जवाब मांगा
Meerut News मेरठ में सीबीआई ने पांच लाख की रिश्वत लेते हुए केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना के अपर निदेशक अजय कुमार कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी और एक निजी कर्मचारी को मंगलवार शाम उनके कार्यालय से गिरफ्तार किया था। सीबीआइ की टीम कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। जांच में दोनों अफसरों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं।

जागरण संवाददाता, मेरठ। सीबीआइ टीम को जांच पड़ताल में सीजीएचएस के दोनों अफसरों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। लवेश सोलंकी के घर की जांच में खुर्जा में खरीदी करोड़ों की जमीन के कागजात मिले हैं। कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी से जमीन की खरीद फरोख्त के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
सीबीआइ की 19 घंटे की पड़ताल के बाद केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) मेरठ के अपर निदेशक डा. अजय कुमार के पल्लवपुरम स्थित घर से 30 लाख की नकदी और सोने-चांदी के आभूषण बरामद किए गए। अपर निदेशक के बैंक लाकर में रखे आभूषण के बारे में भी जवाब मांगा गया है। सरकार हर वर्ष सरकारी अफसरों से संपत्ति का ब्योरा मांगती है, दोनों अफसरों की तरफ से सरकार को दिखाई संपत्ति के बारे में भी सीबीआइ ने जानकारी जुटाई है। उक्त संपत्ति की मौजूदा संपत्ति से तुलना भी की जा रही है।
बुलंदशहर के रहने वाले हैं अजय कुमार
डा. अजय कुमार मूलरूप से बुलंदशहर के रहने वाले हैं। यहां पल्लवपुरम फेस-दो में परिवार के साथ रहते हैं। उनकी पत्नी डा. शिखा गोयल घर में ही आशीर्वाद लैब चलाती हैं। सीबीआइ ने डा. अजय के साथ-साथ उनकी पत्नी शिखा गोयल से भी पूछताछ की है।
सीबीआइ ने घर से मिले सभी कागजात की जांच पड़ताल की। काफी फाइलें सीबीआइ अपने साथ ले गई। 30 लाख की बरामद नकदी को भी बैंक जमा करा दिया गया। कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी की संपत्ति के बारे में भी जानकारी जुटाई गई। दोनों आरोपितों और उनके परिवार के बैंक खाता नंबर भी सीबीआइ ने ले लिए है।
दो अस्पतालों में फर्जी मरीज भर्ती कर वसूलते थे लाखों की रकम
सीबीआइ की जांच में यह भी सामने आया कि बेगमपुल के समीप, हापुड़ रोड व वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित एक अस्पताल में फर्जी मरीज दाखिल कर बिल बनवाते थे। उक्त बिलों का लाखों को भुगतान किया जाता था। उसके बाद दोनों ही अफसर बिलो में रकम की हिस्सेदारी लेते थे। लवेश सोलंकी के घर से मिली मरीजों की फाइलों की भी पड़ताल की जा रही है। उन मरीजों से भी पूछताछ की जाएगी।
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इन धाराओं में हुआ मुकदमा
धारा 61(2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (यथा संशोधित 2018) की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
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