Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Meerut : बलिदानी अग्निवीर ललित कहते थे... लड़ते हुए बलिदान हो जाऊंगा तो तिरंगे में लिपटकर आऊंगा

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 04:59 PM (IST)

    Meerut News जम्मू-कश्मीर के जिला पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास बारूदी सुरंग विस्फोट में मेरठ के गांव पस्तरा निवासी अग्निवीर ललित कुमार शहीद हो गए। ललित बचपन से ही सेना में जाने का सपना देखते थे। दो दिन पहले ही उन्होंने छुट्टी पर घर आने की बात की थी। उनके बलिदान से गांव में शोक की लहर है।

    Hero Image
    अग्निवीर ललित के बलिदान के बाद गमजदा भाई नितिन (बाएं) इंसेट में बलिदानी ललित कुमार

    संवाद सूत्र, जागरण जानी खुर्द (मेरठ)। जम्मू-कश्मीर के जिला पुंछ में नियंत्रण रेखा के निकट शुक्रवार को बारूदी सुरंग विस्फोट में बलिदान हुए गांव पस्तरा निवासी अग्निवीर ललित कुमार ने बचपन से ही सेना में जाने का सपना देखा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'मां जल्दी आऊंगा, बहुत दिन से तुम्हारे हाथ का खाना नहीं खाया'

    वह मां से कहते थे-देखना सेना में जाकर दुश्मन के छक्के छुड़ा दूंगा। लड़ते हुए बलिदान हो जाऊंगा तो तिरंगे में लिपटकर आऊंगा। तब तुम गर्व करना, रोना नहीं। दो दिन पहले ही ललित ने मां से फोन पर कहा था कि जल्द छुट्टी लेकर आ रहा हूं, तुम्हारे हाथ का खाना बहुत दिन से नहीं खाया।

    मां सरोज रोते हुए कह रही हैं-बेटा तू आ जा, मैं तेरे लिए ढेर सारे पकवान बनाऊंगी।

    सेना मुख्यालय से आया घर फोन 

    शुक्रवार दोपहर पौने तीन बजे जम्मू कश्मीर सेना मुख्यालय से ललित के घर फोन आया। बताया गया कि पुंछ में हुए एक हादसे में ललित कुमार घायल हो गए हैं। उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है। कुछ देर बाद बताया गया कि ललित कुमार बलिदान हो गए हैं। यह खबर मिलते ही घर के साथ ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

    पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के पुंछ में मिली

    कुछ स्वजन जम्मू-कश्मीर रवाना हो गए। कुलदीप ने बताया कि 20 वर्षीय ललित कुमार उनके छोटे भाई थे। अक्टूबर 2023 में वह सेना में अग्निवीर में भर्ती हुए थे। पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के पुंछ में मिली थी।

    दो भाई, एक बहन में सबसे छोटे थे ललित

    ग्रामीणों ने बताया कि ललित घर में सबसे छोटे थे। बड़े भाई कुलदीप, नितिन व बहन काजल हैं। ललित अविवाहित थे। पिता राजपाल सिंह निजी कंपनी में कर्मचारी हैं। गांव में शोक की लहर है लेकिन लोगों का सीना गर्व से चौड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि बलिदानी ललित कुमार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाए।