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    सिलाई मशीन की दो सुई निगलने वाले मरीज को मिली राहत, मेडिकल कॉलेज में किडनी व मेसेंटरी से निकाली गईं सुई

    By Sarvendra Pundir Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 02:19 PM (IST)

    मेरठ मेडिकल कॉलेज में मुजफ्फरनगर के एक मरीज की सफल सर्जरी की गई। मरीज ने गलती से सुई निगल ली थी। डॉक्टरों ने उनकी किडनी से चार और मेसेंटरी से नौ सेंटी ...और पढ़ें

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    मरीज राजू के साथ मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग में सफल आपरेशन करने वाली टीम। सौ. डाक्टर

    जागरण संवाददाता, मेरठ। मेडिकल कालेज में आपरेशन के बाद एक मरीज की किडनी से चार और मेसेंटरी (पेट के अंदर एक झिल्लीदार ऊतक की परत) से नौ सेंटीमीटर की दो सुई निकाली गई।

    मरीज पेट में दर्द की शिकायत पर भर्ती हुआ था। मुजफ्फरनगर के छपार निवासी 35 वर्षीय राजू ने गलती से सिलाई मशीन की दो सुई निगल ली थी। तबीयत खराब होने पर स्वजन ने 19 दिसंबर को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। सर्जरी विभाग के आचार्य डा. धीरज राज के मार्गदर्शन में राजू का उपचार शुरू किया गया।
    उनकी टीम में डा. शोएब खान, डा. रवि बनोत, डा. शुभम गुप्ता, डा. मुदाबिर, डा. आमिर शामिल रहे। एक्सरे और सिटी स्कैन कराने के बाद पता चला कि राजू की किडनी और मेसेंटरी में दो सुई हैं। इसी कारण उसके पेट में दर्द हो रहा था। 22 दिसंबर को राजू का आपरेशन कर सुईयों को निकाला गया। पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद मंगलवार को राजू को छुट्टी दे दी गई।

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    सार्वजनिक सेवा परिवहन वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग उपकरण लगाना जरूरी

    जासं, मेरठ: जिन वाहनों के लिए परमिट जरूरी नहीं है, उन्हें छोड़कर सभी सार्वजनिक सेवा परिवहन वाहनों में एआइएस 140 मानक के व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाना जरूरी हो गया है। साथ ही शासन ने ऐसे वाहनों में आपात कालीन सहायता बटन भी अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि बिना परमिट वाले वाहनों में दोपहिया, ई रिक्शा, तिपहिया जैसे वाहन आते हैं। या ऐसे वाहन जिनके लिए परमिट जरूरी नहीं है को छोड़कर नेशनल परमिट से आच्छादित वाहनों व पेट्रोलियम, रासायनिक पदार्थ (हैजार्ड गुड्स) ले जाने वाले वाहनों में भी उक्त डिवाइस लगानी जरूरी है। यह जानकारी आरटीओ अनीता सिंह ने दी।