हस्तिनापुर उत्खनन : मौर्य काल में औजार और बर्तन बनाने में प्रयोग वाला यंत्र मिला
Hastinapur Excavation हाभारत कालीन पांडव टीले पर पिछले कई दिनों से लगातार उत्खनन का कार्य चल रहा है।उत्खनन में प्राप्त यंत्र पर ब्राह्मी लिपि में लिखा है शौझ। उत्खनन से प्राप्त प्रत्येक अवशेष को किया जा रहा संग्रहीत।

मेरठ, जागरण संवाददाता। महाभारत कालीन पांडव टीले पर पिछले कई दिनों से लगातार उत्खनन का कार्य चल रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की टीम को शुक्रवार को उत्खनन के दौरान एक यंत्र प्राप्त हुआ। जिस पर ब्राह्मी भाषा में शौझ लिखा हुआ है। मौर्य काल में इस यंत्र का उपयोग मिट्टी के बर्तन बनाने औजार के रूप में प्रयोग करते थे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के मेरठ पुरातत्व मंडल की टीम द्वारा पांडव टीले पर उत्खनन किया जा रहा है। यहां प्राप्त होने वाले प्रत्येक अवशेष को संग्रहीत किया जा रहा है। जिसके लिए मिट्टी को बारीक छलनी में छाना जा रहा है। जो अवशेष प्राप्त होता है उसे साफ कर अलग- अलग कर रख दिया जाता है। अब एक नए स्थान पर भी उत्खनन के लिए ट्रेंच बनाने की तैयारी शुरू हो गई है।
स्थापित होगी प्रयोगशाला, संग्रहालय की जमीन चिह्नित
शीघ्र ही यहां पर प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। जिसमें परीक्षण कर अवशेषों की कार्बन डेटिंग से प्राचीनता की जांच की जाएगी। वहीं राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए जमीन की तलाश कर ली गई है बस उस पर मुहर लगनी बाकी है। यह साइट पांडव टीले के बिल्कुल समीप होगी। एसडीएम मवाना अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि पांडव टीले के समीप ही राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने के लिए जमीन की तलाश तेज कर दी गई है।
शहीदों के परिवारों को करेंगे सम्मानित
एएसआइ के अधीक्षण पुरातत्वविद डीबी गड्नायक ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विभाग द्वारा शहीदों के परिवार को सम्मानित किया जाएगा। रविवार को कारगिल शहीद योगेंद्र यादव के परिवार को सम्मानित करने के लिए एएसआइ स्टाफ उनके घर पर पहुंचेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य धरोहर बचाओ संस्कृति बचाओ रहेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।