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    Hastinapur Excavation: पांडव टीला पर अभी और उजागर होंगे रहस्‍य, दिल्ली की टीम ने लिए हड्डियों व अवशेषों के सैंपल

    By Taruna TayalEdited By:
    Updated: Sun, 13 Mar 2022 08:08 PM (IST)

    Hastinapur Excavation Update पांडव टीले पर चल रहे उत्खनन में मिल रही हड्डियों की जांच के लिए दिल्ली से आई विशेष टीम ने सैंपल लिए। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि अस्थियां किस काल व किसकी हैं।

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    Hastinapur Excavation: हस्तिनापुर में उत्खनन में प्राचीन अवशेष प्राप्त हुए।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। पांडव टीले पर चल रहे उत्खनन में मिल रही हड्डियों की जांच के लिए दिल्ली से आई विशेष टीम ने सैंपल लिए। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि अस्थियां किस काल व किसकी हैं। उधर, उत्खनन का कार्य रविवार को भी जारी रहा, जिसमें प्राचीन अवशेष प्राप्त हो रहे हैं।

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    रविवार को दिल्ली से विशेषज्ञों की एक टीम पांडव टीले पर पहुंची। जहां उन्होंने एक ब्लाक मे लगातार बड़ी मात्रा में मिल रही हड्डियों की जांच के लिए सैंपल एकत्र किए। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों द्वारा की जांच की पश्चात ही स्थिति का पता चल सकेगा। लगभग एक माह पूर्व से चल रहे उत्खनन में काफी प्राचीन अवशेष प्राप्त हो रहे हैं। अलग-अलग ब्लाकों में विभिन्न प्रकार के अवशेष मिल रहे हैं। एक ब्लाक मे दो टेराकोटा रिंगवेल प्राप्त हुई है, जिन्हेंं काफी गहराई तक निखारा जा चुका है और दस से ग्यारह लेयर तक स्पष्ट दिखाई दे रही है। जिसके बारे में अधीक्षण पुरातत्वविद डा. डीबी गणनायक का कहना है कि ये अभी काफी गहराई तक हो सकती है। संभवतया यह पौराणिक काल में कुआं होगा और लोग इससे खाना बनाने, पीने आदि के लिए पानी निकालते होंगे और उसका प्रयोग करते होंगे। परंतु अंतिम लेयर तक उत्खनन होने के पश्चात ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

    उजागर होंगे रहस्य

    पांडव टीले पर चल रहे उत्खनन से कई कालों के रहस्य उजागर होंगे, जिससे हम पौराणिक इतिहास व अपनी संस्कृति के बारे मे आने वाली पीढियां जान सके। डा.गणनायक का कहना है सभी अवशेषों को सुरक्षित कर लिया है तथा उन्हें यही पर बनने वाले संग्रहालय मे रखा जाएगा तथा जांच के बाद उन अवशेषों के बारे मे उनके सामने ही उनके विषय मे अंकित किया जाएगा। जिससे कि आने वाला पर्यटक उनके बारे मे जान सकें।

    प्राप्त हो रहे ये अवशेष

    डा. डीबी गणनायक ने बताया कि उत्खनन से प्राप्त अवशेषों मे धूसर व चित्रित मृदभांड, मनके, सिक्के तथा भारी मात्रा मे अस्थियां प्राप्त हुई है जिन्हें सुरक्षित कर लिया गया है।

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