Meerut: CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शन में यूपी में पहली सजा, संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले 86 उपद्रवी दोषी
Meerut News नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे। यूपी में इन प्रदर्शनों में ये पहली सजा है। खास बात ये है कि किसी भी न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं हो सकेगी।
मेरठ, जागरण टीम। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में उप्र के अमरोहा में 20-21 दिसंबर, 2019 को प्रदर्शन कर सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले 86 उपद्रवियों को दोषी करार दिया गया है। डीएम इनसे भू-राजस्व के बकाये की तरह 4,27,439 रुपये की वसूली करेंगे। उप्र लोक व निजी संपत्ति क्षति वसूली दावा न्यायाधिकरण मेरठ संभाग ने यह आदेश दिया है। सीएए विरोधी प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश में यह पहली सजा है। फैसले के खिलाफ किसी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती है।
पुलिसकर्मियों से हुई थी झड़प
न्यायाधिकरण के अध्यक्ष डा. अशोक कुमार सिंह (एचजेएस) और प्रवीणा अग्रवाल (अपर आयुक्त मेरठ मंडल सदस्य) ने गुरुवार को अमरोहा मामले में आदेश जारी किया है। पुलिसकर्मियों से झड़प के दौरान 4,27,439 रुपये की संपत्ति को क्षति पहुंचाई गई थी व 86 लोगों को आरोपित बनाया गया था। अब हर व्यक्ति पर समान रूप से 4,971 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।
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न्यायाधिकरण ने डीएम अमरोहा को आदेश दिया कि वह उप्र लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2020 की धारा-23 के अनुपालन में अर्थदंड वसूलकर राजकोष में जमा कराए। राशि जमा करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। 30 दिन के बाद उनसे छह प्रतिशत ब्याज व वसूली का खर्चा भी वसूला जाएगा। तीन आरोपित ऐसे हैं, जिनका पता मालूम नहीं है। ऐसे में इन आरोपितों के पोस्टर छपवाकर उनकी जानकारी जुटाने एवं खर्च हुई धनराशि वसूलने के लिए कहा गया है।
मेरठ संभाग में 20 मुकदमे लंबित, 277 आरोपितों को नोटिस जारी
20 मुकदमों में 277 आरोपितों को नोटिस 12 दिसंबर, 2019 को संसद में नागरिकता संशोधन कानून बना। विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में प्रशासन ने दर्ज 106 केस में आरोपितों को नोटिस भेजकर निजी और सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। कोर्ट के हस्तक्षेप पर राज्य सरकार ने हड़ताल, बंद, दंगों और लोक उपद्रव के कारण सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई कराने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी।
मेरठ, प्रयागराज व लखनऊ में उप्र लोक व निजी संपत्ति क्षति वसूली दावा न्यायाधिकरण संभाग गठित कर मुकदमों को निस्तारित करने के आदेश दिए। तीनों न्यायाधिकरण में 105 मुकदमे लंबित हैं। मेरठ संभाग में 20 मुकदमे लंबित हैं व 277 आरोपितों को नोटिस जारी किए गए हैं।
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अमरोहा के 86 उपद्रवियों से होगी 4,27,439 रुपये की वसूली
प्रदेश में यह पहला मामला है, जिसमें न्यायाधिकरण ने सीएए विरोधी प्रदर्शन में मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है। - डा. अशोक कुमार सिंह, अध्यक्ष, उप्र लोक व निजी संपत्ति क्षति वसूली दावा न्यायाधिकरण
फैसले के खिलाफ नहीं हो सकती किसी न्यायालय में अपील
न्यायाधिकरण का यह फैसला सही नहीं है। न्यायाधिकरण की सुनवाई के दौरान पुलिस जनता से एक भी गवाह पेश नहीं कर सकी। -मुराद आरिफ ( विपक्षीगण की ओर से जमीयत-उलेमा-ए-हिंद द्वारा उपलब्ध कराए गए वकील)