राज्यमंत्री दिनेश खटीक के बयान पर विवाद, विपक्ष हमलावर, बीजेपी का किनारा; पूर्व MLA योगेश वर्मा करेंगे प्रेस कांफ्रेंस
Meerut News : राज्यमंत्री दिनेश खटीक के हस्तिनापुर को श्रापित भूमि बताने पर भाजपा ने किनारा कर लिया है, वहीं विपक्षी नेता हमलावर हैं। पूर्व विधायक योग ...और पढ़ें

हस्तिनापुर से विधायक व प्रदेश के जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक
जागरण संवाददाता, मेरठ। हस्तिनापुर को श्रापित भूमि बताने वाले हस्तिनापुर से विधायक व प्रदेश के जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के बयान से जहां भाजपा ने किनारा कर लिया है, वहीं विपक्षी नेता हमलावर हो गए हैं। हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा इस मुद्दे पर शुक्रवार को दोपहर 2 बजे हस्तिनापुर के पांडव टीले पर पत्रकार वार्ता करेंगे।
भाजपा की ओर से कहा गया है कि हस्तिनापुर कतई श्रापित भूमि नहीं है और यह बयान मंत्री का निजी है। रही बात चुनाव की उम्मीदवारी की तो भाजपा के पास अनेक विकल्प हैं। विपक्षी नेताओं ने कहा कि जिस धरती ने उन्हें दो बार विधायक व मंत्री बनाया, उसका खून चूसकर अपार संपदा हासिल की, अब उसे ही श्रापित बता बदनाम कर रहे हैं। यह हार के डर की वजह से दिया गया बयान है।
भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया ने कहा कि दिनेश खटीक ने जो भी बयान दिया है या घोषणा की है यह उनका व्यक्तिगत बयान है। पार्टी के लिए यह भूमि श्रापित नहीं है। रही बात चुनाव न लड़ने की तो इसके लिए बहुत से विकल्प हैं। हालांकि अभी तक उनकी ओर से पार्टी के पास चुनाव न लड़ने का निवेदन नहीं आया है। भाजपा के जिलाध्यक्ष हरवीर पाल ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है। कोई भी घोषणा या बयान किस परिप्रेक्ष्य में दिया, यह दिनेश ही जानते हैं।
हस्तिनापुर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके व बसपा से यहां के विधायक रहे योगेश वर्मा ने कहा कि दिनेश खटीक के बयान से यहां के बड़े बुजुर्गों का अपमान हुआ है। एक तरह से क्षेत्र के लोगों को श्रापित बताया गया। जिस धरती ने एक भट्ठे वाले व्यक्ति को दो बार विधायक व दो बार मंत्री बनाया, उसे ही श्रापित बोला जा रहा है। 2022 के विधानसभा चुनाव में दिनेश के मुख्य प्रतिद्वंद्वी योगेश वर्मा थे, दिनेश का वोट प्रतिशत कम हो गया था। राजनीतिक जमीन दरक गई थी।
दिनेश के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी व हस्तिनापुर के पूर्व विधायक गोपाल काली ने कहा कि हस्तिनापुर का नौ साल तक चीरहरण कर खून चूसने वाले इस भूमि को श्रापित बता रहे हैं। उन्होंने खटीक पर काली कमाई एकत्र करने का आरोप लगाया। सपा नेता मुखिया गुर्जर ने कहा कि हस्तिनापुर पूज्यभूमि है। यह द्वापरयुग में राजधानी रही है। दिनेश खटीक का यह बयान कर्मों के आधार पर है। इस बार जमानत भी नहीं बचती इसलिए हार के डर से पहले ही राज्यमंत्री ने आत्मसमर्पण कर दिया।
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दिनेश खटीक का स्पष्टीकरण
विपक्षी नेताओं के हमले के बीच दिनेश अब भी अपने बयान पर कायम हैं। वे कहते हैं, यह अंतरात्मा की आवाज पर लिया गया फैसला है। मैंने बचपन से अध्ययन किया है। महाभारत के प्रसंगों को बेहतर जानता हूं।
कल स्कूल के कार्यक्रम में द्रौपदी चीरहरण का मंचन देखा तो मन द्रवित हो गया और पहली बार मैंने यह बात कही। मैंने कहा है कि हस्तिनापुर से अब कभी चुनाव नहीं लडूंगा, लेकिन हस्तिनापुर की जनता की सेवा कभी नहीं छोडूंगा। भाजपा का कार्यकर्ता बनकर जीवन पर्यन्त पार्टी से जुड़ा रहूंगा और जो भी हस्तिनापुर से पार्टी का प्रत्याशी होगा, तन-मन से जुटकर उसे चुनाव लड़वाऊंगा और जिताऊंगा भी।
अपने इस निर्णय के पार्टी के वरिष्ठों को पहले ही अवगत करा चुका हूं। जो भी विपक्षी आज बोल रहे वह मेरे समक्ष पराजित लोग हैं। मुझे अपने चरित्र-व्यक्तित्व का सर्टिफिकेट इनसे लेने या इनको देने की आवश्यकता नहीं।

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