Delhi-Dehradun Highway को सिक्स लेन करने के प्रयासों में तेजी, दोनों ओर 65 मीटर चौड़े कारिडोर का होगा ड्रोन सर्वे
Delhi-Dehradun Highway दिल्ली-देहरादून हाईवे पर यातायात के दबाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने सिक्स लेन निर्माण की अनुमति दी है। पहले चरण में मेरठ से मुजफ्फरनगर तक डीपीआर तैयार करने का आदेश हुआ है। कंसलटेंट एजेंसी ड्रोन सर्वे करेगी जिसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। दिल्ली-देहरादून हाईवे पर यातायात के भारी दबाव तथा जाम की समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसके सिक्स लेन निर्माण की अनुमति प्रदान की है। पहले चरण में मेरठ के परतापुर से मुजफ्फरनगर बाईपास के अंतिम छोर तक लगभग 80 किमी के हिस्से के लिए डीपीआर तैयार करने का आदेश दिया गया है।
कंसलटेंट एजेंसी ने ड्रोन सर्वे की तैयारी की है, लेकिन उसे तीन महीने में भी जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिल पाई। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के पत्र पर कमिश्नर ने भी जिला प्रशासन को आदेश दिया है। माना जा रहा है कि जल्द यह अनुमति मिल जाएगी। जिसके बाद कंसलटेंट एजेंसी अपना सर्वे शुरू कर देगी।
वीकेंड पर रहता है वाहनों का भारी दबाव
वीकेंड पर शुक्रवार शाम से सोमवार दोपहर तक दून हाईवे से गुजर पाना मुश्किल होता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस हाईवे के सिक्स लेन निर्माण का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा था, जिसे तत्काल स्वीकृति मिल गई थी। अब इसके लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जानी है। जिसकी जिम्मेदारी मैसर्स एफपी इंडिया प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई है। डीपीआर तैयार करने के लिए कंसलटेंट एजेंसी हाईवे के मध्य से दोनों ओर 65 मीटर चौड़े कारिडोर का सर्वे ड्रोन की मदद से करेगी।
ड्रोन सर्वे में कैद हो जाएंगे भवन, पेड़ और रजवाहे
कंसलटेंट एजेंसी के परियोजना प्रमुख रामपाल सिंह सैनी ने बताया कि सिक्स लेन हाईवे की डीपीआर बनाने के लिए मौजूदा हाईवे के मध्य से दोनों और 65 मीटर चौड़े कारिडोर का मानव रहित ड्रोन से सर्वे करने पर उसमें सड़क किनारे स्थित सभी स्कूल-कालेज, पेट्रोल पंप, दुकानें, जनसुविधाओं के सभी भवन, पेड़, पुल, नहर, रजवाहा और चौराहे समेत सभी चीजें कैद हो जाएंगी। उन्हीं का आकलन करके डीपीआर तैयार की जाएगी।
15 दिन में पूरा हो जाएगा सर्वे का कार्य
एनएचएआइ के परियोजना निदेशक द्वारा ड्रोन सर्वे की अनुमति के लिए मेरठ और मुजफ्फरनगर के जिला प्रशासन को जून महीने में पत्र भेजा गया था, लेकिन कांवड़ यात्रा व अन्य कारणों के चलते यह अनुमति नहीं मिल सकी। सितंबर महीने में एनएचएआइ ने मंडलायुक्त को पत्र लिखा। जिसपर कमिश्नर ह्रषिकेश भास्कर यशोद ने जिलाधिकारी को अनुमति दिलाने के लिए निर्देशित किया है। कसंलटेंट एजेंसी के अधिकारियों की मानें तो अनुमति के लिए रिपोर्ट मांगी जा रही है। लगभग 15 दिन में यह सर्वे कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
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डीएम डा. वीके सिंह का कहना है कि ड्रोन सर्वे की अनुमति के लिए संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी गई है। जल्द सर्वे के लिए अनुमति प्रदान की जाएगी।
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