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    सिनौली के उत्खनन में मिले महाभारत के नए साक्ष्यों से सुसज्जित इतिहास पढ़ाएगा सीसीएसयू

    सीसीएसयू में पहली बार बीए इतिहास ऑनर्स का कोर्स शुरू किया जा रहा है। साथ ही एमए इन एनसीएन्ट इंडियन हिस्ट्री कल्चर एंड आर्कियोलॉजी पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा। सिनौली के उत्खनन में मिले नए साक्ष्यों को ही भारतीय प्राचीन व पुरातात्विक इतिहास के तौर पर पढ़ाया जाएगा।

    By Taruna TayalEdited By: Updated: Thu, 30 Jun 2022 07:03 PM (IST)
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    सीसीएसयू में पहली बार बीए इतिहास ऑनर्स का कोर्स शुरू किया जा रहा है।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। Chaudhary Charan Singh University Meerut सिनौली के उत्खनन में मिले नए साक्ष्यों ने महाभारत कालीन समय के पुख्ता सबूत दुनिया के सामने ला दिए हैं। डिस्कवरी चैनल की ओर से भी सिनौली पर एक डॉक्यूमेंट्री तैयार की गई है जिसे अभिनेता मनोज बाजपेई की एंकरिंग के साथ टेलीकास्ट भी किया जा चुका है। सिनौली के उत्खनन में मिले नए साक्ष्यों को ही भारतीय प्राचीन व पुरातात्विक इतिहास के तौर पर छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की बोर्ड ऑफ स्टडीज में यह निर्णय लिया गया है।

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    पहली बार शुरू हो रहे कोर्स

    विश्वविद्यालय में पहली बार बीए इतिहास ऑनर्स का कोर्स शुरू किया जा रहा है। इसके साथ ही एमए इन एनसीएन्ट इंडियन हिस्ट्री कल्चर एंड आर्कियोलॉजी पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है। आर्कियोलॉजी स्कॉलर के तौर पर करियर बनाने में यह कोर्स छात्रों के लिए मददगार साबित होगा। इसके अंतर्गत छात्र छात्राओं को जंबूद्वीप, सिनौली, हस्तिनापुर, भामोरी, मवाना, गढ़, बरनावा आदि ऐतिहासिक व पुरातात्विक जगहों के भ्रमण भी कराए जाएंगे जिससे वहां की ताजा तरीन जानकारियां उन्हें बताई जा सके। इसके अलावा इतिहास विभाग में पीजी डिप्लोमा इन टूरिज्म एंड होटेलियरिंग का कोर्स भी कराया जाएगा। इसके अंतर्गत भी विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा जिससे कोर्स करने के बाद छात्रों को टूरिस्ट गाइड व सेवा क्षेत्र में करियर बनाने में मदद मिल सके। तीनों ही पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित योजना के तहत शुरू किए जा रहे हैं।

    इतनी होंगी सीटें

    तीनों ही पाठ्यक्रम में 40-40 सीटें होंगी और प्रति सेमेस्टर 10,000 रुपये शुल्क लगेंगे। विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व एचओडी प्रोफेसर आराधना, डॉ योगेश, डॉ कुलदीप त्यागी आदि उपस्थित रहे। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विग्नेश कुमार ने बताया कि हस्तिनापुर, बरनावा, सिनौली आदि जगह पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे।

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