मेरठ की मर्दानी: दादी अम्मा के कुंडलों के लिए बदमाशों से भिड़ गई रिया, साहसी बेटी के हौसले को शहर ने किया सलाम
Meerut News मेरठ में बदमाशों से भिड़ने वाली रिया का सम्मान एसएसपी करेंगे। रिया पिता की मौत के बाद पुलिस में जाना चाहती थी लेकिन परिवार की जिम्मेदारियो ...और पढ़ें

मेरठ, जागरण टीम। बदमाशों से बीच सड़क पर भिड़ने वाली रिया की बहादुरी नजीर बन गई है। इसे नारी स्वाभिमान और साहस का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है। रिया के लालकुर्ती स्थित आवास पर दिनभर उत्साहवर्धन के लिए पहुंचने वालों का तांता लगा रहा। राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी हस्तियों ने रिया को केंद्र व राज्य सरकार से सम्मानित करने का आश्वासन दिया है। पुलिस लाइन में महिला कांस्टेबलों ने रिया की हिम्मत वाली वीडियो दिखाई गईं। उसे पुलिस लाइन में एसएसपी स्वयं सम्मानित करेंगे।
गाजियाबाद में रहती है रिया
मूल रूप से लाल कुर्ती के छोटा बाजार स्थित मैदा मोहल्ला निवासी रिया का परिवार करीब 13 साल से गाजियाबाद की मोदी नगर स्थित कृष्णा कॉलोनी में रहता है। शनिवार को दिया अपनी दादी अम्मा संतोष अग्रवाल के साथ परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने लालकुर्ती आई थी। घर से चंद कदम दूर बाइक सवार बदमाशों ने संतोष अग्रवाल के कानों के कुंडल खींच लिए। तभी रिया ने बदमाशों की बाइक खींचकर गिरा दी। रिया ने कुंडल लूट कर भाग रहे सचिन का गिरेबान पकड़ लिया जबकि शिवम को थप्पड़ जड़े। पुलिस ने भी घटना के पांच घंटे के अंदर दोनों बदमाशों को दबोच लिया। रिया की बहादुरी दिनभर शहर में चर्चा का विषय बनी रही। रविवार को भाजपा नेता सुनील बाधवा रिया के घर पहुंचे और बुके देकर उनका हौसला बढ़ाया।
पिता की हो चुकी है मौत
पिता की मौत के बाद रिया ही मां का सहारा है। बीकॉम की पढ़ाई पूरी कर चुकी रिया अग्रवाल ने बताया कि बदमाशों के कुंडल खींचने के बाद अचानक ही जोश आ गया था। इसके बाद बदमाशों से कुंडल वापस लेने की जिद थी। रिया ने पिता विनय अग्रवाल को बचपन में ही खो दिया था। तब से वह मां विनीता का सहारा बन गई। रिया पुलिस में भर्ती होना चाहती थी। लेकिन परिवार का दायित्व पूरा करने के लिए उसे छोड़ना पड़ा अब एमकॉम करने का लक्ष्य है।
छह हजार में सदर सराफा में बेच दिया था लूटा हुआ कुंडल
संतोष अग्रवाल के कुंडल लूटने वाले बदमाश सचिन और शिवम लूट की वारदातों में पहले भी जेल जा चुके हैं। पल्लवपुरम निवासी सचिन के पिता ओमपाल एमडीए में लिपिक पद पर तैनात हैं। पुलिस सचिन के पिता से भी पूछताछ करेगी। दोनों आरोपित पहले भी मोबाइल और पर्स लूट की वारदात कर चुके हैं। रिया से भिड़ने के बाद बदमाश सचिन और शिवम सदर सराफा में पहुंचे। उन्होंने वहां सर्राफ से कुंडल का सौदा किया। उसके बाद घंटाघर होते हुए शहर सराफा में पहुंचे। वहां पर एक सर्राफ को कुंडल छह हजार में बेच दिया। उसी समय पुलिस भी उनका पीछा कर रही थी।
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सीसीटीवी से मिला पुलिस को बदमाशों का सबूत
घंटाघर पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में बदमाशों की बाइक का नंबर मिल गया। बाइक सचिन के नाम थी। उसका मोबाइल नंबर पुलिस को मिल गया। मोबाइल नंबर की लोकेशन के आधार पर पुलिस ने दोनों बदमाशों का पीछा किया। रात में लालकुर्ती थाने के बुचड़ी रोड पर पुलिस ने दोनों को घेर लिया। बदमाशों के जवाबी फायरिंग करने पर पुलिस की फायरिंग में गोली बदमाशों के पैर में लग गई।
बदमाशों को तमंचा निकालने का मौका नहीं मिला
रिया ने बदमाशों की बाइक को पीछे से खींच कर गिरा दिया। बदमाशों से रिया इस तरह से भिड़ी कि उन्हें तमंचा निकालने का मौका ही नहीं मिला, बल्कि बदमाश बाइक को संभालने और भागने में लगे रहे। हैरत की बात है कि रिया के बदमाशों के लड़ाई करते समय गली के बाहर अन्य लोग मौजूद थे, जो दूर से ही तमाशा देख रहे थे। यदि रिया की तरह अन्य लोग भी हिम्मत दिखाते तो बदमाशों को मौके पर ही पकड़ लिया जाता।
मेरठ की मर्दानी!
मेरठ में अपनी दादी के गहनों के लिये अकेले बदमाशों से भिड़ गई पोती। बदमाश भाग निकले लेकिन कुछ ही पल में यूपी पुलिस ने दोनों को धर दबोचा। 🙏🏽 pic.twitter.com/VcciDCEpJv
— Shobhna Yadav (@ShobhnaYadava) December 11, 2022
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लूटा हुआ कुंडल खरीदने वाले सर्राफ को नहीं बनाया आरोपित
पुलिस ने लूटा हुआ कुंडल सर्राफ से बरामद तो कर लिया, लेकिन उसे मुकदमे में आरोपित नहीं बनाया। एसएसपी रोहित सजवाण ने बताया कि लूट की ज्वेलरी खरीदने वाले सर्राफ को भी मुकदमे में आरोपित बनाया जाएगा।

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