Vinay Kumar Pathak की और मुश्किलें बढ़ी, STF ने विवि से मांगी आरबीएस कालेज की प्रबंध समिति के अनुमोदन की फाइल
Vinay Kumar Pathak उच्च न्यायालय में विचाराधीन मामले में अनुमोदन कर गए थे पूर्व कार्यवाहक कुलपति विनय पाठक। एसटीएफ ने विश्वविद्यालय से जुड़े तीन अन्य मामलों के प्रपत्र भी हैं मांगे। पाठक के रिश्तेदार भी एसआइटी की रडार पर हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे पूर्व कार्यवाहक कुलपति विनय पाठक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। डाक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में उनके कार्यकाल के दौरान हुए कायों व अनुमोदन से संबंधित दस्तावेज विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा जुटाए जा रहे हैं। एसटीएफ ने विश्वविद्यालय से संबंद्ध आरबीएस कालेज की प्रबंध समिति के पूर्व अनुमोदन से संबंधित प्रपत्र मांंगे हैं। पूर्व कुलपति उच्च न्यायालय में विचाराधीन मामले में अनुमोदन कर गए थे।
पूर्व निदेशक ने की थी शिकायत
पूर्व कार्यवाहक कुलपति द्वारा की गई अनिमयितताअों की शिकायत आईईटी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर वीके सारस्वत ने एसटीएफ से की थी। जिसकी एसटीएफ की आगरा इकाई द्वारा जांच की जा रही है। वह विश्वविद्यालय में हुए घोटालों के संबंधित प्रपत्रों को जुटा रही है। जिससे कि घोटालों और भ्रष्टाचार के साक्ष्य को जुटाया जा सके। सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय के घोटालों से जुड़े अब तक पांच हजार पन्ने एसटीएफ जुटा चुकी है।
विश्चविद्यालय से इन चार मामलों के प्रपत्र हैं मांगे
- डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में इंट्रेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नोएडा द्वारा विश्वविद्यालय के आगरा कार्यालय का कंप्यूटीकरण यूनि इ.आर.पी. साफ्टवेयर इंस्टालेशन कार्य किया गया था। जिसका कार्य समाप्ति का प्रमाण पत्र।
- डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में बेबेल टेक्नोलाजी लिमिटेड द्वारा विश्वविद्यालय के आगरा कार्यालय के दस्तावेज का डिजीटाइजेशन का कार्य किया गया था। कार्य समाप्ति के प्रमाण पत्र के प्रमाणित प्रपत्र।
- डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय अलीगढ़ से संबद्ध महाविद्यालय की संबद्धता जो एक जनवरी 2022 के बाद स्वीकृत की गई थीं। जिनकी संबद्धता डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा समाप्त कर दी गई थी। संबद्धता के निरस्तीकरण के आदेश के प्रपत्र।
- डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध आरबीएस कालेज आगरा के प्रबंध समिति का प्रो. विनय पाठक द्वारा किए गए अनुमोदन आदेश एवं बाद में विश्वविद्यालय द्वारा उक्त अनुमोदन के निरस्तीकरण के आदेश से संबंधित प्रपत्र।
प्रबंध समिति के अनुमोदन पर उठे थे सवाल
डा. भीमराव आंंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यवाहक कुलपति विनय पाठक द्वारा आरबीएस कालेज के प्रबंध तंत्र को नियम विरूद्ध अनुमोदन देने पर सवाल उठे थे। सोसाइटी का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। जबकि पिछले वर्ष प्रो. आलोक राय ने कार्यवाहक कुलपति का पद संभाला तो यह मामला उनके सामने भी पहुंचा था। उन्होंने मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने का हवाला देते हुए अनुमोदन से स्पष्ट मना कर दिया था।
ये भी पढ़ें;
जब विश्वविद्यालय प्रशासन अधिनियम, परिनियम एवं नियमों का उल्लंघन कर व्यक्ति विशेष आधारित निर्णयों पर कार्य करता है।वह व्यक्ति विशेष विश्वविद्यालय की सर्वोच्च समिति कार्य परिषद से भी अपने उन अनुचित निर्णयों का अनुमोदन कराने में सफल रहता है। तब बहुत ही निराशा का भाव मन में आता है, इसी कारण मैं संस्था एवं छात्रहित में कुछ तथ्यों को प्रकाश में ला रहा हूं। हालांकि मुझे पता है कि मैं उन बड़े लोगों से पंगा ले रहा हूं जो पूर्व की भाति षड्यंत्र के तहत मेरा व्यक्तिगत नुकसान भविष्य में भी करने का भरसक प्रयास करेंगे। - प्रोफेसर वी के सारस्वत पूर्व निदेशक आईईटी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।