एंटी करप्शन टीम को देखते ही भागने लगे लेखपाल और सहायक, दौड़ाकर धर दबोचा... मेरठ में 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़े गए
मेरठ के मवाना तहसील में एंटी करप्शन टीम ने एक बार फिर कार्रवाई करते हुए लेखपाल और उसके निजी सहयोगी को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। लेखपाल जलालपुर जोरा निवासी दो किसानों से खेत की पैमाइश कराने के बदले 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। टीम ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है।

जागरण संवाददाता, मवाना। एंटी करप्शन की टीम द्वारा छह माह पूर्व रिश्वत लेते लेखपाल को जेल भेजने के बावजूद राजस्व विभाग के ढर्रे में सुधार नहीं हुआ। बुधवार को एंटी करप्शन की टीम ने एक बार फिर कार्रवाई करते हुए तहसील मवाना में लेखपाल और उसके निजी सहयोगी को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया।
हालांकि बच निकलने का उन्होंने प्रयास किया, लेकिन भागने नहीं दिया। लेखपाल जलालपुर जोरा निवासी दो किसानों से खेत की पैमाइश कराने के बदले 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। टीम थाने ले आई और पूछताछ में लगी है।
लेखपाल ने मांगे 50 हजार रुपये रिश्वत
मवाना तहसील के चकबंदी विभाग से राजस्व विभाग में मर्ज हुए लेखपाल मुकम्मिल पुत्र मुज्जमिल निवासी बझेड़ा, थाना धौलाना जनपद हापुड़ तीन माह से जलालपुर जोरा पर तैनात था। उक्त गांव के ही वीरपाल व मनोज के खसरा संख्या 430 में दस-दस बीघे के कृ़षि पट्टे हैं। करीब दो माह पूर्व लेखपाल मुकम्मिल द्वारा पैमाइश कर उक्त दोनों किसानों की दस बीघा जमीन पड़ोसी गांव मिर्जापुर निवासी विनोद व अन्नू को दे दी।
जिसका उक्त लोगों ने विरोध करते हुए पैमाइश गलत बताते हुए उक्त लोगों की जौत की जमीन नाले में बताई। मामले की तत्कालीन एसडीएम अंकित कुमार व तत्कालीन डीएम दीपक मीणा से की। आरोप है कि उक्त मामले में दो माह तक कोई सुनवाई नहीं हुई, जबकि लेखपाल पैमाइश के बदले 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था।
शिकायत पर टीम ने गिरफ्तार करने का जाल बिछाया
मामले की शिकायत एंटी करप्शन विभाग मेरठ से की गई। जिस पर बुधवार को एंटी करप्शन की सीओ अर्चना सिंह की अगुवाई में इस्पेक्टर कैलाश, दारोगा केपी सिंह, राहुल समेत 20 लोगों की टीम ने सुबह से तहसील में जाल बिछा लिया। दोपहर के समय लगभग पौने दो बजे पीड़ित किसान और मनोज ने टीम के हस्ताक्षर युक्त 500-500 के 20 नोट यानी दस हजार रुपये चकबंदी दफ्तर जाकर लेखपाल मुकम्मिल को दिए, लेकिन उसने शक दिखाते हुए उक्त रकम सहयोगी गौरव उर्फ गोल्डी पुत्र अमरवीर निवासी बढ़ला, थाना परीक्षितगढ़ को दिला दी।
टीम ने रंगे हाथों दबोच लिया
वह टॉयलेट में गिनने गया तो इसी बीच टीम ने घेरीबंदी कर लेखपाल व सहयोगी को रकम के साथ दबोच लिया। थाने लाकर घंटों पूछताछ की और दोनों आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। वहीं, लेखपाल की गिरफ्तारी के बाद एसडीएम प्रतीक्षा सिंह ने फोन ही रिसीवी नहीं किया। वहीं तहसीलदार रणविजय सिंह भी मेरठ मुख्यालय की बात कहकर उक्त मामले से पल्ला झाड़ते रहे।
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