अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में मिली राहत, मऊ सदर से विधायकी हो गई बहाल
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्बास को हेट स्पीच मामले में बड़ी राहत देते हुए उनकी दोषसिद्धि रद्द कर दी है जिससे उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल हो गई है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने यह आदेश सुनाया। मऊ की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया था जिसके खिलाफ उन्होंने याचिका दायर की थी।

जागरण संवाददाता, मऊ/प्रयागराज। मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी अब सजा हाईकोर्ट से रद होते ही बहाल हो गई है। दरअसल बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट से अब्बास अंसारी को बड़ी राहत मिली है। यह सूचना जिले में मिलते ही अब्बास के समर्थकों में खुशी का माहौल है। हेट स्पीच के मामले में मऊ की अदालत ने उनको दोषी करार दिया था। इसके बाद से ही उनके सियासी भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे थे।
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न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने हेट स्पीच मामले में उनकी दोषसिद्धि रद कर विधानसभा सदस्यता बहाल कर दी है। इस बाबत बुधवार को भोजनावकाश के बाद इस संदर्भ में आदेश सुनाया तो अब्बास को लंबे समय के बाद अदालत से बड़ी राहत मिली। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आदेश को सुरक्षित रख लिया था।
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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से मऊ सदर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से एमएलए निर्वाचित हुए अब्दुल्ला अंसारी को मऊ की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 189 (सार्वजनिक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी) के तहत अपराध के लिए दो साल की कैद की सजा सुनाई थी।
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इसके अलावा धारा 506 में एक वर्ष और धारा 171-एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव या व्यक्तिगत पहचान) के तहत अपराध के लिए छह महीने कैद की सजा सुनाई थी। स्पेशल कोर्ट ने सभी सजाएं एक साथ चलाए जाने के लिए कहा था।
अब्बास के खिलाफ यह धमकी देने में केस दर्ज किया गया था कि 2022 के विधानसभा चुनाव बाद समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने पर राज्य सरकार के अधिकारियों को परिणाम भुगतना पड़ेगा। इस फैसले के खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष प्रार्थना पत्र दिया था जिसे गत पांच जुलाई को खारिज कर दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ यह पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी।
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यह था पूरा मामला
विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण मामले में मिली दो साल की सजा के खिलाफ अब्बास अंसारी की अपील पर विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए राजीव कुमार वत्स की अदालत में सुनवाई हुई थी। वहीं से भी उनको राहत नहीं मिल सकी थी। दरअसल वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अब्बास ने मऊ सदर से सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। चुनाव प्रचार के दौरान अब्बास ने एक जनसभा के दौरान मंच से अधिकारियों को सबक सिखाने की धमकी दी थी। इस मामले में शहर कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गई थी। इस मामले में 31 मई को अदालत ने अब्बास को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब्बास की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी।
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