यमुना एक्सप्रेसवे का वो भीषण हादसा, जिंदा जल गए थे लोग; डीएनए टेस्ट के बाद अब तक 16 परिवारों को सौंपे गए शव
मथुरा में Yamuna Expressway पर हुए भीषण हादसे में कई लोग जिंदा जल गए थे। डीएनए टेस्ट के बाद अब तक 16 परिवारों को शव सौंप दिए गए हैं। यह दुर्घटना इतनी ...और पढ़ें

यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे में 11 वाहन जलकर राख हो गए थे।
जासं, मथुरा। बलदेव के यमुना एक्सप्रेसवे में 16 दिसंबर को हुए भीषण हादसे में अब तक 16 शवों की शिनाख्त कर परिवारीजनों को सौंपे जा चुके हैं। ये सभी हादसे में जलकर राख हुए वाहनों के साथ जिंदा जल गए थे। अवशेषों की जांच के लिए डीएनए टेस्ट कराए गए। अब भी तीन अवशेषों का डीएनए टेस्ट होना रह गया है।
दुर्घटना में मृतक देवेंद्र और नरेंद्र के शव भी गुरुवार को स्वजन के सिपुर्द कर दिए गए। डीएनए से मिलान होने के बाद बुधवार शाम को ही सूचना दे दी गई। देवेंद्र के स्वजन मथुरा में ही रुके थे। सुबह से पुलिस कर्मियों ने कई बार स्वजन को फोन किए। दोपहर तीन बजे मोर्चरी पहुंचे और शव की सिपुर्दगी ली। इसके बाद दोनों शव के साथ स्वजन को एक ही एंबुलेंस से रवाना कर दिया गया। हादसे में अब तक 19 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
लखनऊ विशेषज्ञों की टीम आगरा लैब में तीन सैंपलों की पहचान करने में जुटी हुई है। फतेहपुर के चांदपुर छिपकी गधर निवासी नरेंद्र दिल्ली में मिठाई की दुकान करते थे। चार दिन के लिए वह अपने घर गए थे। 15 दिसंबर की शाम वापस दिल्ली जा रहे थे। हादसे में उनकी मृत्यु हो गई। भाई राजकुमार ने डीएनए सैंपल दिया था।
वहीं हमीरपुर के गुहान राठ निवासी देवेंद्र कुमार का शव भी गुरुवार को स्वजन को सिपुर्द किया। डीएनए मिलान से पहचान होने के बाद बुधवार रात को ही स्वजन को सूचना दी गई थी। देवेंद्र के स्वजन मथुरा में ही ठहरे हुए थे। सुबह से पुलिस ने उनको कई बार फोन किया, लेकिन शव लेने के लिए वह दोपहर तीन बजे पहुंचे।
पुलिस ने दोनों शवों को स्वजन के सिपुर्द करके एक ही एंबुलेंस से रवाना कर दिया। सड़क हादसे में मारे गए अब तक 16 लोगों की पहचान हो चुकी है। लखनऊ विशेषज्ञों की टीम आगरा में बचे हुए तीन डीएनए सैंपल से मृतकों की पहचान में जुटी हुई है।

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