Yamuna Expressway पर हुए भीषण हादसे का कारण आया सामने, एक की आग फूंक बैठी सात बसें और तीन कारें; हुई थी 19 की मौत और 100 घायल
मथुरा के बलदेव क्षेत्र में Yamuna Expressway पर हुए भीषण सड़क हादसे की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। जांच टीम को कुछ तकनीकी बिंदु मिले हैं, जिसके लिए डीए ...और पढ़ें

Yamuna Expressway पर मंगलवार तड़के हुए दर्दनाक हादसे में जलती बसें।
जासं, मथुरा। Yamuna Expressway पर बलदेव क्षेत्र में हुए भीषण सड़क हादसे की जांच शनिवार को भी पूरी नहीं हो सकी। जांच टीम के सामने घटना से जुड़े कुछ तकनीकी बिंदु सामने आए हैं। इन बिंदुओं पर जांच के लिए समिति ने डीएम से एक दिन का समय और मांग लिया। अब जांच रिपोर्ट सोमवार को शासन में भेजी जाएगी।
अब तक की जांच में दुर्घटनास्थल पर घने कोहरे के चलते वाहन आपस में टकराने के बाद किसी एक बस में शार्ट सर्किट से आग लगना भी पाया गया है। इस वाहन में लगी आग ने अन्य वाहनों को अपनी चपेट में लिया था।
यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार की भोर साढ़े चार बजे बलदेव क्षेत्र में भीषण हादसा हुआ था। कोहरे में वाहनों की भिड़ंत के बाद नौ बस व कार में लगी आग में 19 लोग जिंदा जल गए थे, जबकि 100 से अधिक घायल हुए थे। इस हादसे की जांच डीएम सीपी सिंह ने एडीएम प्रशासन अमरेश कुमार की अध्यक्षता में गठित की थी।
जांच समिति को दुर्घटना के कारण व भविष्य में ऐसी घटना न हो उसके उपाय तलाशने के लिए 48 घंटे का समय दिया। जांच समिति में एसपी देहात सुरेश चंद रावत, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अजय कुमार सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन राजेश राजपूत, आरआइ प्रदीप कुमार, यीडा के प्रतिनिधि राजेंद्र सिंह भाटी व जेपी इंफ्राटेक के प्रतिनिधि आनंद सिंह को शामिल किया गया।
जांच टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ दुर्घटना में घायल हुए लोगों व दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के चालक परिचालकों के बयान दर्ज किए। प्रशासनिक जांच समिति के साथ ही घटना से जुड़े विभिन्न विभागों की तकनीकी टीमों ने मौके का मुआयना कर कुछ तकनीकी बिंदु जांच समिति के सामने रखे। अभी तक जांच समिति दुर्घटना का कारण घने कोहरे को मान कर चल रही है।
टीम का मानना है कि घटनास्थल यमुना नदी के समीप होने के चलते वहां छह किलोमीटर के क्षेत्र में औसत से अधिक कोहरा रहता है। मंगलवार को हादसे के समय भी वहां कोहरे के कारण दृश्यता शून्य बताई गई। इससे तेज रफ्तार वाहन कोहरे में एक दूसरे से जा टकराए। अब नया तथ्य सामने आया है कि बसों के आपस में टकराने से किसी एक बस में शार्ट सर्किट आग लगी, जिसकी चपेट में आकर कार व बस सहित नौ वाहनों में आग
लगी है। हालांकि किस वाहन में आग लगी इसके बारे में जांच समिति किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। आग किस बस में लगी व कैसे फैली, दुर्घटनास्थल की यमुना नदी से दूरी व कोहरे के बढ़ने जैसे तकनीकी बिंदुओं पर विशेषज्ञों की राय जानने के लिए जांच समिति ने एक दिन का समय और मांग लिया है।
विभिन्न तकनीकी संस्थाओं की जांच में भी कुछ ऐसे बिंदु सामने आए हैं, जिनकी जांच के लिए समिति को 24 घंटे का समय और मिल गया है। अब सोमवार को जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
मुख्यमंत्री की वीसी में उठा सड़क सुरक्षा का मुद्दा
प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चिंतित हैं। शनिवार शाम छह बजे से मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा को लेकर प्रदेश के अधिकारियों संग वर्चुअल बैठक की। एक साल में प्रदेश में हुई 25 हजार से अधिक दुर्घटनाओं पर उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए सभी अधिकारियों को दुर्घटना रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने हरदोई व प्रयागराज सहित प्रदेश के सर्वाधिक दुर्घटना वाले पांच जिलों को विशेष हिदायत दी। अधिकारियों के मुताबिक जिले में हुए हादसे के बारे में चर्चा नहीं की गई।

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