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    यमुना एक्सप्रेस-वे हादसा में एक गलती बनी 13 मौतों की वजह! पहली टक्कर के बाद चेक करने लगे कार, तभी धड़ाधड़ टकराईं गाड़ियां

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 09:42 AM (IST)

    मथुरा के यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण हादसे में 13 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। कोहरे के कारण दृश्यता कम होने से यह दुर्घ ...और पढ़ें

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    बलदेव में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे में जली बसों को सड़क किनारे करती क्रेन। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, मथुरा। यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा से नोएडा की साइड में माइल स्टोन 127 के पास वाहनों के भयानक हादसे में 13 लोग जिंदा जल गए और 100 से अधिक घायल हुए हैं। मरने वालों में सिर्फ तीन की ही पहचान हो सकी है, शेष शव कंकाल की तरह रह गए। शवों के अवशेषों को 18 बाडी बैग में पैक किया है, इनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। दुर्घटना में यह बड़ी गलती रही कि पहली कार से टक्कर के बाद उसकी सवारियां सड़क पर ही गाड़ी चेक करने लगी थीं। कोहरे में दूसरे वाहन उनसे टकराते चले गए।

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    प्रशासन की ये रही चूक

    दुर्घटना के समय एक्सप्रेसवे प्रशासन की यह गलती रही कि उसने दृश्य शून्यता के बावजूद वाहनों को आगे बढ़ने की अनुमति प्रदान कर दी। हादसे के बाद आगरा के खंदौली टोल प्लाजा पर नाेएडा की ओर जाने वाले वाहनों को रोक दिया गया, जिससे करीब चार किलाेमीटर लंबा जाम लग गया। जाम लगभग छह घंटे तक रहा।

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    हादसे की बड़ी गलती

    दुर्घटना उस समय हुई, जब कानपुर से वृंदावन जा रही मारुति स्विफ्ट कार बस की टक्कर के बाद अनियंत्रित हो गई। उसी समय कार को पीछे से आई मैक्स पिकअप टक्कर मारते हुए आगे निकल गई। कार सवार उतरे तभी पीछे से आई मारुति ब्रेजा कार घुस गई। ब्रेजा सवार भी कार से उतर ही पाए थे कि स्लीपर कोच बस पीछे से घुस गई। इसके बाद एक के बाद एक बसें पीछे से टकराती गईं। ब्रेजा कार को टक्कर मारने वाली स्लीपर कोच बस में आग लगी। आग ने कुछ ही देर में दूसरे वाहनों को भी चपेट में ले लिया। आग पर काबू पाने तक छह स्लीपर कोच बसें, दो रोडवेज बसें और ब्रेजा कार पूरी तरह जल गई। 

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    डीएम ने जांच के आदेश किए हैं जारी

    मथुरा के डीएम सीपी सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे। डीएम सीपी सिंह का कहना है कि घटना की मजिस्ट्रयल जांच एडीएम प्रशासन अमरीश कुमार को दी गई है। जिला अस्पताल में भर्ती बिठूर (कानपुर) के अमन यादव ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ स्विफ्ट कार से वृंदावन जा रहे थे। खंदौली टोल प्लाजा तक कोहरा सामान्य था। बलदेव थाना क्षेत्र के गांव खड़ेहरा के निकट माइल स्टोन 127 के पास कोहरा बढ़ गया। इस बीच पीछे से आई बस उनकी कार में बगल से टक्कर मारती हुई आगे निकल गई। अनियंत्रित कार जब तक संभलती, तब तक बगल में चल रही पिकअप से टकरा गई।

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    ब्रेजा कार ने पीछे से मार दी टक्कर

    पिकअप तेजी से निकली ही थी कि पीछे से आ रही ब्रेजा कार ने पीछे से टक्कर मार दी। इससे गाड़ी क्षतिग्रस्त होकर किनारे की तरफ हो गई। कोहरा इतना घना हो गया था कि कुछ नजर नहीं आ रहा था। ब्रेजा कार में सवार लोग उतरे। वे कुछ कर पाते तब तक पीछे से आई बस ने टक्कर मार दी। ब्रेजा कार सवार प्रयागराज के राजकुमार यादव ने बताया कि टक्कर के बाद वे साथियों के साथ उतर गए थे।

    उनके साथी अखिलेंद्र यादव कार के पीछे खड़े थे, तभी बस ने पीछे से टक्कर मारी और वे उसकी चपेट में आ गए। बस में भड़की आग से ब्रेजा में भी आग लग गई। चीख-पुकार मच गई। इस बीच एक के बाद एक बसें भिड़ती रहीं और आग फैलती रही।

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    अमन ने डायल 108 पर दी सूचना

    अमन ने डायल 108 एंबुलेंस सेवा को सूचना दी। एंबुलेंस आने तक छह स्लीपर कोच और आजमगढ़ और कौशांबी डिपो की रोडवेज बसों से लपटें उठने लगीं। अधिकांश बस यात्री गेट और खिड़कियों से कूदकर निकले। माना जा रहा है आग में जिंदा जले यात्री घटना के समय सोए हुए थे। टक्कर के दौरान एक-दो एसी बस के दरवाजे लाक होने से भी मुश्किल हुई। टकराने वाले 11 वाहनों में स्विफ्ट कार और श्रद्धालुओं की टेंपो ट्रैवलर आग लगने से बच गई, बाकी सभी वाहन जल गए। करीब चार घंटे बाद एक दर्जन दमकल गाड़ियां आग पर काबू पा सकीं।

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    टेंपो ट्रैवलर सवार फरीदाबाद के दीपक सैनी ने बताया कि वे और साथी वाराणसी से लौट रहे थे। उनकी गाड़ी आखिरी बस से टकराई, लेकिन किस्मत से आग नहीं लगी। घायलों में कानपुर, मऊ, आजमगढ़, प्रयागराज आदि जिलों के लोग शामिल हैं।