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    Banke Bihari Vrindavan: भारी भीड़ में बिगड़ रही श्रद्धालुओं की तबीयत, 16 महीने बाद भी नहीं बदले हालात, जांच कमेटी ने दिए थे सुझाव

    Updated: Wed, 27 Dec 2023 07:44 AM (IST)

    Vrindavan Banke Bihari News 16 माह में भी नहीं सुधरी व्यवस्था बिगड़ रही श्रद्धालुओं की तबीयत। कमेटी ने सुझाव दिए. लेकिन अब तक इस पर अमल नहीं हो सका है। इन 16 महीनों में श्रद्धालुओं की संख्या भी खूब बढ़ी लेकिन व्यवस्थाओं पर कोई अमल नहीं हो सका। भीड़ में फंसकर श्रद्धालुओं की जान जा रही है और व्यस्थाएं शून्य हैं।

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    बीते वर्ष हादसे के बाद जांच कमेटी के सुझावों पर भी अमल नहीं

    संवाद सहयोगी, वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में बीते वर्ष 18-19 अगस्त की रात श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुई मंगला आरती के दौरान दो श्रद्धालुओं की मृत्यु को 16 माह हो गए, लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है।

    शासन ने मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया। कमेटी ने हर बिंदु पर अपनी रिपोर्ट दी, लेकिन अब तक रिपोर्ट में तय बिंदुओं पर कुछ नहीं हो सका। नतीजा ये हुआ कि इसका खामियाजा श्रद्धालुओं को उठाना पड़ रहा है।

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    शासन ने पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह और अलीगढ़ के तत्कालीन मंडलायुक्त गौरव दयाल की कमेटी बनाई। कई दिन लगातार यहां भ्रमण करने और लोगों से बातचीत के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को दी। हालांकि इसमें अत्याधिक भीड़ को घटना का प्रमुख कारण माना गया।

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    ये दिए थे जांच कमेटी ने सुझाव

    • ज्यादा भीड़ होने पर 18 घंटे और सामान्य दिनों में 12 घंटे दर्शन का टाइम रखा जाए।
    • आनलाइन रजिस्ट्रेशन हो, वीकेंड, त्योहार पर आसानी से दर्शन कर सकेंगे।
    • श्रद्धालुओं को आरती और विग्रह के स्क्रीन पर दर्शन कराए जाए।
    • मंदिर में बरामदा से आंगन तक आने पर सीढ़ियों की जगह रैंप बनाया जाए, यहां बैरिकेडिंग लगाई जाए।
    • मंदिर के गोस्वामियों की जांचकर पहचान पत्र बनाए जाएं।
    • मंदिर की तरफ जाने वाली गलियों में उमस वाले दिनों में पंखे लगाए जाएं।
    • मंदिर के दोनों गेट पर फर्स्ट एड बूथ संचालित हों।
    • मंदिर के निकास द्वार पर स्ट्रैचर की व्यवस्था हो, यहां स्वयं सेवक रखे जाएं, एंबुलेंस की व्यवस्था हो।
    • मंदिर की तरफ जाने वाली गलियों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए, सड़क पर रखकर गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल नहीं हो।
    •  वीआइपी गैलरी को हटाया जाए। वीआइपी प्रवेश को सीमित किया जाए।