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    Thakur Banke Bihari को ठंड से बचाने के खास इंतजाम, चांदी की अंगीठी में आग...इत्र से मालिश और गर्म दूध

    Updated: Tue, 07 Jan 2025 09:40 AM (IST)

    वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में ठंड से बचाव के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। ठाकुरजी को सर्दी से बचाने के लिए चांदी की अंगीठी में आग जलाई जा रही है। भोग में पंचमेवा की मात्रा में वृद्धि करके केसरयुक्त हलवा गर्म दूध भी परोसा जा रहा है। मंदिर सेवायत आचार्य गोपी गोस्वामी ने बताया ठाकुरजी को गर्म पोशाक धारण करवाई जा रही है।

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    चांदी की अंगीठी और ठाकुर बांकेबिहारी का प्रतीकात्मक फोटो।

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। ठिठुरनभरी सर्दी में जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में ठाकुर बांकेबिहारी को सर्दी से बचाने के लिए सेवायतों ने पूरे इंतजाम किए हैं। ठाकुर बांकेबिहारीजी को सर्दी से बचाव के लिए चांदी की अंगीठी में आग जलाई जा रही है, जिसमें ठाकुरजी ताप रहे हैं। भोग में पंचमेवा की मात्रा में वृद्धि करके केसरयुक्त हलवा, गर्म दूध भी परोसा जा रहा है।

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    मंदिर सेवायत आचार्य गोपी गोस्वामी ने बताया ठाकुरजी को गर्म पोशाक धारण करवाई जा रही है। जैसे जैसे तापमान में गिरावट हो रही है, उन्हें राहत देने के दूसरे उपाय भी कर दिए। ठाकुर बांकेबिहारी समेत राधावल्लभ मंदिर, राधारमण मंदिर, राधादामोदर मंदिर में ठाकुरजी के सिंहासन के समीप चांदी की अंगीठी में आग जलाकर रखी जा रही है। ताकि ठाकुरजी चांदी की अंगीठी की आग से ताप कर सर्दी दूर कर सकें। मंदिरों में सुबह से शाम तक जब आराध्य अपने भक्तों को दर्शन दे रहे हैं, तो उनके समीप चांदी की अंगीठी रखकर सर्दी से राहत देने की प्रक्रिया मंदिर में शुरू हो चुकी है।

    भोग में परोसे जा रहे सूखे मेवा

    ठाकुरजी को चार प्रहर भोजन परोसा जाता है। सुबह बालभोग, दोपहर को राजभोग, शाम काे मंदिर के पट खुलने पर उत्थापन भोग और रात में शयनभोग अर्पित होता है। भोग में काजू, बादाम, पिस्ता, चिलगोजा, अखरोट समेत पंचमेवा परोसी जा रही है, तो केसरयुक्त हलवा व गर्म दूध भी ठाकुरजी को अर्पित कर रहे हैं।

    रजाई गद्दे में विश्राम, इत्र से मालिश

    सर्दी के दिनों में ठाकुर बांकेबिहारीजी चांदी के पलंग पर सलीन की रजाई, गद्दा व तकिया का इंतजाम किया है। ताकि ठाकुरजी दिनभर सर्दी में खड़े होकर भक्तों को दर्शन देकर थक जाते हैं, तो विश्राम कर सकें। ठाकुर बांकेबिहारीजी की सेवायत विशेष इत्र से मालिश कर रहे हैं।

    शिक्षक बन ठाकुर राधावल्लभ ने मंदिर में दिए दर्शन

    राधावल्लभ मंदिर में चल रहे खिचड़ी उत्सव में हर दिन नए रूप में भक्तों को दर्शन देकर ठाकुर राधावल्लभलाल आल्हादित कर रहे हैं। सोमवार को ठाकुर राधावल्लभ ने शिक्षक के रूप में दर्शन दिए। आराध्य की एक झलक पाने को श्रद्धालुओं में होड़ मच गयी। श्रीहित हरिवंश महाप्रभु द्वारा सेवित ठा. राधाबल्लभ लाल जू के आंगन में सोमवार सुबह खिचड़ी महोत्सव के दर्शन को भक्तों की भीड़ लगी थी। परंपरा के अनुसार सुबह ठाकुरजी के जागने से पहले सेवायतों ने समाज गायन में जगार स्तुति की। आराध्य को सर्द मौसम में राहत देने को पंचमेवा से युक्त खिचड़ी परोसी गई।

    सुबह से लग रही दर्शनों के लिए भीड़

    मंगला आरती से पहले खिचड़ी का प्रसाद अर्पित करने के बाद सेवायतों ने आराध्य की मंगला आरती उतारी। मंदिर में खिचड़ी महोत्सव के दर्शनों को भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। गर्म वस्त्रों, धोती, कुंर्ता, शाल ओढ़े व कंधा पर मफलर डाले आराध्य के आगे स्लेट पर शिक्षा के श्लोगन लिखे थे। शिक्षक के रूप में सजी ठाकुर राधावल्लभलाल की अद्भुत छवि को देख श्रद्धालु निहाल हो गए। जो जिस भाव में ठाकुरजी को निहार रहा था खुद को ठगा सा महसूस करता रह गया। ठाकुरजी को खिचड़ी प्रसाद अर्पित करने के बाद भक्तों को खिचड़ी बांटी गई।

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