ठाकुर बांकेबिहारी के प्रति बहनों का अटूट प्रेम! रक्षाबंधन के लिए प्यारे भैया को भेज रहीं राखियां...
वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारीजी को भाई मानने वाली बहनों ने रक्षाबंधन के लिए राखियां भेजी हैं। मंदिर कार्यालय में राखियों के साथ भावपूर्ण पत्र भी पहुंच रहे हैं जिनमें बहनें अपनी मनोकामनाएं व्यक्त कर रही हैं। रक्षाबंधन पर ये राखियां ठाकुरजी को अर्पित की जाएंगी और पत्रों को पढ़कर सुनाया जाएगा। भक्तों की अटूट आस्था का यह अनूठा उदाहरण है।

संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। ये ठाकुर बांकेबिहारीजी के प्रति भक्तों की आस्था ही है जिस भक्त ने अपने आराध्य को जिस रूप में देखा, उसी रूप में भगवान भी उन्हें अपना आशीर्वाद देते हैं। यही कारण है देश-दुनिया के भक्त आराध्य की एक झलक पाने को भागे चले आते हैं। फिर भले ही उन्हें कितनी ही दिक्कतों का सामना क्यों न करना पड़े।
अब नौ अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व आ रहा है, तो हजारों युवतियां और महिलाएं ऐसी हैं जिनके या तो भाई नहीं हैं या फिर उन्होंने भाई होने के बावजूद ठाकुर बांकेबिहारीजी के दर्शन एक भाई के रूप में किए। वह महिलाएं एवं युवतियां हर वर्ष ठाकुरजी के लिए रक्षाबंधन पर कलाई पर बांधने के लिए पत्र भेजती हैं। यह राखियां अब मंदिर कार्यालय में पहुंचने लगी हैं। अब तक दो सौ से अधिक राखियां पहुंच चुकी हैं।
मंदिर कार्यालय में राखियों संग पहुंच रहे महिला, युवतियों के भाव भरे पत्र भी
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर कार्यालय में हर दिन डाक व कुरियर के जरिए सैकड़ों पैकेट राखी के पहुंच रहे हैं। देश के विभिन्न शहरों में रहने वाली युवतियों, महिलाओं की राखियां आने लगी हैं। मंदिर प्रबंधक उमेश सारस्वत ने बताया कि हर वर्ष मंदिर कार्यालय में देश के विभिन्न शहरों से बहनें राखी भेजती हैं। राखियों का आना शुरू हो चुका है।
सैकड़ों की संख्या में महिलाओं व युवतियों ने राखी भेज ही है। ये आंकड़ा रक्षाबंधन तक बहुत अधिक बढ़ जाएगा। राखियों के साथ महिलाओं के पत्र भी शामिल होते हैं। इन्हें अभी मंदिर कार्यालय में संरक्षित करके रखा जा रहा है।
रक्षाबंधन पर अर्पित की जाएंगी राखी
मंदिर प्रबंधक उमेश सारस्वत ने बताया हर वर्ष महिलाएं एवं युवतियां ठाकुरजी की कलाई पर बांधने के लिए राखी भेजती हैं। इस वर्ष भी राखी आ रही हैं। इन्हें संरक्षित करके रखा जा रहा है। रक्षाबंधन के दिन सेवाधिकारी को राखी दे दी जाएंगी। ताकि वे बहनों की राखियों को ठाकुरजी को अर्पित कर सकें।
सेवाधिकारी पढ़ते हैं बहनों के पत्र
मंदिर सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया मंदिर में आने वाली राखियों के साथ बहनों के पत्र भी आते हैं। वे अपनी भावनाओं के अनुसार ठाकुरजी को पत्र लिखती हैं, कोई परिवार की समृद्धि मांगती हैं, तो किसी के सामने कोई परेशानी होती है, तो वह भी ठाकुरजी के समक्ष रखकर दिक्कत से मुक्ति दिलाने की कामना करती है। सारी राखियों को रक्षाबंधन के दिन ठाकुरजी को अर्पित करने के साथ जो पत्र आ रहे हैं सेवाधिकारी ठाकुरजी काे पढ़कर सुनाएंगे।
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