Saint Premanand: संत प्रेमानंद महाराज के प्रवचन का AI से दुरुपयोग, श्रीराधा केलिकुंज आश्रम ने चेतावनी की जारी
Saint Premanand संत प्रेमानंद के प्रवचनों का AI के माध्यम से दुरुपयोग किया जा रहा है। श्रीराधा केलिकुंज ने चेतावनी जारी कर कहा है कि गुरुदेव श्रीहित प्रेमानंद गोविंदशरण महाराज की वाणी और उपदेशों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से अन्य भाषाओं में परिवर्तित कर या मनमाने ढंग से प्रस्तुत कर इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित करना मर्यादा और कानून के विरुद्ध है।

संवाद सहयोगी, जागरण l वृंदावन। आस्था की दुनिया में प्रख्यात संत प्रेमानंद के प्रसारित प्रवचन का कुछ लोग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से दुरुपयोग कर रहे हैं। एआई की मदद से उनके प्रवचन को दूसरी भाषाओं में प्रसारित कर रहे हैं। ऐसे में श्रीराधा केलिकुंज ने रविवार की शाम चेतावनी जारी कर इस तरह के अमर्यादित कृत्यों से बचने को कहा है।
श्रीराधा केलिकुंज ने नोटिस में कहा है कि कुछ लोग गुरुदेव श्रीहित प्रेमानंद गोविंदशरण महाराज की वाणी व उपदेशों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से अन्य भाषाओं में परिवर्तित कर या मनमाने ढंग से प्रस्तुत कर इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित कर रहे हैं, जो कि मर्यादा और कानून के विरुद्ध है।
संत प्रेमानंद की वाणी की गरिमा उनकी मूलभूत भाषा शैली में ही बनी रहे, इसलिए कोई भी एआई का प्रयोग न करे। न तो कोई ऐसी वीडियो बनाएं, न समर्थन करें और न ही शेयर करें
श्रीराधा केलिकुंज की न कोई शाखा, न ही रियल एस्टेट का कारोबार
इंटरनेट मीडिया में संत प्रेमानंद के आश्रम श्रीराधा केलिकुंज से जुड़े कुछ लोगों द्वारा रियल एस्टेट कारोबार में उतरने के साथ प्लाट, फ्लैट बिक्री की खबरें प्रसारित हो रही हैं। आश्रम प्रबंधन ने रविवार की शाम इनका खंडन करते हुए ऐसे लोगों से सावधान रहने की अपील की है।
संत प्रेमानंद आश्रम की शाखा के भूमि, फ्लैट, प्लाट बिक्री के वीडियो हुए वायरल
श्रीराधा केलिकुंज आश्रम ने रविवार की शाम जारी प्रेस नोट में कहा है, कि श्रीराधा केलिकुंज आश्रम की अन्य कोई शाखा नहीं है। न ही किसी तरह की भूमि, प्लाट, फ्लैट एवं भवन निर्माण का विक्रय कार्य करता है। आश्रम का कहीं भी कोई होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, यात्री विश्राम स्थल, चिकित्सालय, गुरुकुल, विद्यालय नहीं है। आश्रम की किसी प्रकार की कंठी-माला, छवि, पूजा सामग्री की कोई दुकान भी नहीं है। न तो आश्रम किसी प्रकार का विज्ञापन ही करता है।
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किसी के झांसे में ना आएं श्रद्धालु
आश्रम परिसर में होने वाले एकांतिक वार्तालाप, सत्संग, कीर्तन एवं वाणी पाठ में शामिल होना भी एकदम निश्शुल्क है। इसके लिए एक दिन पहले आश्रम आकर नाम लिखवाना अनिवार्य है। आश्रम ने जारी सूचना में कहा है कि श्रीहित प्रेमानंद महाराज व श्रीराधा केलिकुंज आश्रम का नाम जोड़कर कोई भी व्यक्ति, शिष्य परिकर, संत वेषधारी किसी भी प्रकार से भ्रमित करता है, तो ऐसे व्यक्ति से सावधान व सतर्क रहें। उनके झांसे में न आएं।
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