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    Saint Premanand: अनिरुद्ध कुमार पांडे नहीं हूं... कानपुर अब धोखा, आखिर क्यों संत प्रेमानंद ने कही ये बात

    Updated: Sat, 22 Feb 2025 09:36 AM (IST)

    Saint Premanand Vrindavan News संत प्रेमानंद महाराज ने अपने भक्तों से कहा कि अब वे मूल रूप से वृंदावन के हैं कानपुर का उनका मूल अब धोखा है। उन्होंने कहा कि कानपुर में वे अनिरुद्ध कुमार पांडेय थे लेकिन वृंदावन में वे प्रेमानंद गोविंदशरण हैं। भक्त के सवालों की जिज्ञासा को संत प्रेमानंद ने शांत करते हुए उनके सवालों के जवाब दिए।

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    Saint Premanand Maharaj: वृंदावन के संत हैं संत प्रेमानंद महाराज।

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। Saint Premanand Maharaj: संत प्रेमानंद ने कहा ने शुक्रवार को अपने एक भक्त के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि अब अनिरुद्ध कुमार पांडे नहीं हूं। अब मूल वृंदावन का हूं, कानपुर मूल अब धोखा है। कानपुर में अनिरुद्ध कुमार पांडेय था। लेकिन, वृंदावन में जो है वह प्रेमानंद गोविंदशरण है।

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    एक भक्त ने पूछा सवाल

    परिक्रमा मार्ग के श्रीराधा केलिकुंज में प्रतिदिन की तरह भक्तों की जिज्ञासा दूर करते हुए संत प्रेमानंद ने शुक्रवार को एक भक्त ने सवाल करते हुए अचानक कहा महाराज आप मूल रूप से कानपुर के रहने वाले हैं?

    अपने भक्त की जिज्ञासा को दूर करते हुए संत प्रेमानंद ने कहा वह अब मूल वृंदावन से ही हैं। अगर हम यह कहें कि अब भी हमारा मूल कानपुर वाला है तो वह हम धोखे में हैं। हम कानपुर के नहीं हैं। कानपुर का अनिरुद्ध कुमार पांडेय था। प्रेमानंद गोविंद शरण वृंदावन का है और रहेगा। अब आप जिससे बात कर रहे हो वह अनिरुद्ध कुमार पांडेय नहीं वह ताे मूल वृंदावन का प्रेमानंद गोविंद शरण है।

    संत प्रेमानंद महाराज।

    यातायात के नियमों का पालन करने की अपील की थी

    संत प्रेमानंद ने गुरुवार को वृंदावन स्थित अपने आश्रम से आमजन मानस से यातायात के नियमों का पालन करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि वाहन चलाने के दौरान शराब, गांजा नहीं पीना चाहिए। इसके साथ ही मोबाइल पर बात नहीं करनी चाहिए। संत प्रेमानंद महाराज ने कहा क‍ि ये सब कुछ करना खुद के साथ ही अन्य लोगों के ल‍िए भी जान लेवा साबित हो सकता है। जिस मार्ग पर जिस वाहन के लिए सरकार द्वारा गति निर्धारित की गई है, उतनी ही गति पर चलाना चाहिए। ये बातें उन्होंने तब कहीं जब सभी परिवहन विभाग के संभागीय अधिकारियों द्वारा एक प्रश्न पूछा गया।

    परिवहन विभाग के अध‍िकारी पहुंचे थे आश्रम

    पर‍िवहन व‍िभाग के संभागीय अध‍िकारी का प्रश्न था कि आए दिन हो रही घटनाओं पर कैसे लगाम लगाएं? आरटीओ प्रवर्तन अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में मंडल के परिवहन विभाग के एआरटीओ प्रशासन एनसी शर्मा, पीटीओ शिवकुमार मिश्रा व अधिकारी, संत प्रेमानंद के आश्रम पहुंचे।

    संत प्रेमानंद ने कहा, नशे की हालत में गाड़ी ना चलाएं

    परिवहन विभाग की टीम के सवाल के जवाब में महाराज जी ने आगे कहा कि नशे की हालत में वाहन नहीं चलाना चाहिए। इससे बुद्धि पर असर पड़ता है। तेज गति से वाहन चलाने पर बमुश्किल से पांच मिनट का अंतर आता है। सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करना चाहिए।

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