बैंड, नफीरी और शहनाई की धुनों पर झूमे बराती... ठाकुर संग ब्याह रचा दिव्यांग से 'दिव्य' हुई शीतल; वृंदावन में अनूठी शादी
Mathura News चलने-फिरने में असमर्थ शीतल ने भगवान श्रीहरि शालिग्राम के साथ विवाह रचाया। वैदिक सनातनी परंपरा से संपन्न इस विवाह में लग्न लिखी गई बरात चढ़ी देहरी पूजन हुआ और ब्याहुला गाया गया। शीतल के पिता की इच्छा थी कि वह अपनी बेटी का कन्यादान करें और साधु-संतों ने उन्हें श्रीशालिग्राम से बेटी का विवाह करने का सुझाव दिया।

जागरण संवाददाता, मथुरा। यही तो अपने आराध्य के प्रति आस्था है। ठाकुर जी की भक्ति में डूबी एक दिव्यांग युवती श्रीहरि शालिग्राम के साथ ब्याह रचा दिव्यात्म हो गई। शुक्रवार को वैदिक सनातनी परंपरा से विवाह हुआ। लग्न लिखी, बरात चढ़ी, देहरी पूजन हुआ, ब्याहुला गाया गया। ...और पाणिग्रहण होते ही, अपने पैरों पर खड़ी न हो सकने वाली शीतल ने ठाकुर की सखी होने का परमपद पा लिया।
राधा आर्चिड निवासी प्रमाेद अग्रवाल सराफा कारोबारी हैं। उनके दो बेटे गौरव व सौरभ अग्रवाल व एक 25 वर्षीय पुत्री शीतल हैं। शीतल चलने-फिरने में अक्षम है। साफ-साफ बोल भी नहीं पाती है। अधिकांश समय हरिभजन में डूबी रहने वाली शीतल का व्हीलचेयर ही सहारा है।
दिव्यांग शीतल।
संतों से व्यक्त की पीड़ा
साधु-संतों संग सत्संग के दौरान शीतल के पिता प्रमोद अग्रवाल ने पीड़ा व्यक्त की कि काश वह अपनी पुत्री का कन्यादान कर पाते। साधु-संतों ने बिटिया का ब्याह श्रीशालिग्राम संग करने का विचार दिया। फिर क्या था। अपनी बेटी के हाथ पीले करने की इच्छा लिए एक पिता, हरिभजन में डूबी उनकी बिटिया और दूल्हे के रूप में इनकी पीड़ा हरने वाले श्रीहरि शालिग्राम।
ये हुए कार्यक्रम
शीतल के स्वजन ने शादी की तैयारियां कीं। निमंत्रण पत्र बंटवाए गए। 19 फरवरी को प्रात: दस बजे सरस्वती कुंड पर शीतल का लग्न लेखन हुआ। 21 फरवरी को मसानी लिंक रोड स्थित ट्यूलिप गार्डन में विवाह का दिव्य व भव्य आयोजन हुआ। दोपहर 11 बजे महाविद्या निवासी मुरलीधर चतुर्वेदी द्वारा सेवित श्रीशालिग्राम व ठाकुरजी के स्वरूप रथ में सवार हो बरात लेकर निकले। बैंड, नफीरी व शहनाई की धुनों पर झूमते हुए करीब तीन सौ बराती इस अद्भुत बरात में शामिल थे।
राधा ऑर्चिड से ट्यूलिप गार्डन पहुंची बरात
राधा ऑर्चिड से बरात ट्यूृलिप गार्डन पहुंची। शीतल ने अपने प्रियतम को कनखियों से निहारा। 12 बजे देहरी पूजन हुआ। पांच सौ से अधिक संतों को प्रसादी ग्रहण कराई गई। संत महात्माओं की पावन उपस्थिति के बीच वैदिक रीतियों के साथ पाणिग्रहण संस्कार संपन्न हुआ।
ये भी पढ़ेंः वृंदावन में हुई अनोखी शादी, कृष्ण भक्ति में रमी ज्योति ने सबकुछ छोड़कर लड्डू गोपाल संग लिए सात फेरे
ये भी पढ़ेंः Holi 2025: ब्रज में कब मनेगी होली, संशय खत्म... इस दिन होगा होलिका दहन और मंदिरों में धुल्हैंडी का आयोजन
शीतल ने सखी भाव से शालिग्रामजी का किया वरण
शीतल ने सखी भाव से शालिग्रामजी का वरण किया। राजस्थान से आए वरुण ताोमर ने ब्याहुला गायन किया। एक बजे ठाकुरजी के बरातियों को प्रीति पूर्वक भोज कराया गया। विवाह के बाद इठलाए ठाकुर जी ने शाम सात बजे छप्पनभोग के बीच दर्शन दिए। प्रसिद्ध भजन गायिका पूनम दीदी ने इस दिव्य विवाहोत्सव में शामिल हो भक्ति की गंगा बहा दी। शीतल के स्वजन ने पूरे भाव के साथ शादी की रस्मों को निभाया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।