Saint Premanand: रंगोली पर दीपों की सजावट और फूलों की बरसात, पदयात्रा पर निकले संत प्रेमानंद तो छलक उठीं सभी की आंखें
Saint Premanand Maharaj Ratri Padyatra News संत प्रेमानंद ने ध्वनि प्रदूषण के विरोध के बाद 11 दिनों के अंतराल के बाद अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा फिर से शुरू कर दी है। सोमवार की रात को शुरू हुई पदयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। पदयात्रा के दौरान भक्तों ने संत प्रेमानंद पर फूलों की वर्षा की और रास्ते में रंगोली सजाई।

संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। Saint Premandnd Maharaj: रात्रिकालीन पदयात्रा में ध्वनि प्रदूषण के विरोध के बाद अनिश्चित काल के लिए पदयात्रा को स्थगित करने वाले संत प्रेमानंद ने ब्रजवासियों की मांग पर 11 दिन बाद फिर से अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा शुरू कर दी।
सोमवार की रात ठीक दो बजे संत प्रेमानंद श्रीकृष्ण शरणम् कॉलोनी स्थित कुटिया से निकले तो करीब एक घंटे से बाहर दर्शन को इंतजार में खड़े भक्तों के चेहरे खिल उठे।
संत प्रेमानंद को देखकर भक्तों की आंखें छलक उठीं
छटीकरा मार्ग से शुरू हुई संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा जैसे ही सड़क पर पहुंची लंबे समय के बाद दर्शन कर भक्तों की आंखें छलक उठी। संत प्रेमानंद के चेहरे के भाव भी आज कुछ अलग थे। सभी भक्तों का अभिवादन करते हुए शांत वातावरण में पदयात्रा आगे बढ़ती रही। पुलिस फोर्स के घेरे में पदयात्रा आगे बढ़ते हुए एनआरआई ग्रीन कॉलोनी की तरफ बढ़ रही थी। रास्ते में भक्तों ने गुब्बारे का द्वार बनाया और सड़क पर रंगोली सजा दीपदान किया।
रात्रिकालीन पदयात्रा पर निकले संत प्रेमानंद महाराज।
संत प्रेमानंद पर फूलों की बरसात, कॉलोनी के बाहर फूलों की रंगोली
संत प्रेमानंद पर फूलों की बरसात हो रही थी। एनआरआई ग्रीन के दरवाजे पर भी बाहर से आए भक्तों ने फूलों से रंगोली सजाई। लेकिन, विरोध करने वाले एनआरआई ग्रीन कॉलोनी के निवासी नजर नहीं आए। शांत वातावरण में निकली पदयात्रा करीब 40 मिनट में ही श्रीराधा केलिकुंज आश्रम पहुंच गई। जबकि इससे पहले पदयात्रा को आश्रम पहुंचे में दो घंटे का समय लगता था। पहले दिन करीब दस हजार श्रद्धालुओं ने पदयात्रा में संत प्रेमानंद के दर्शन किए।
सोसाइटी के अध्यक्ष ने मुलाकात मांगी थी माफी
रविवार को कॉलोनी के सोसाइटी अध्यक्ष आशू शर्मा ने संत प्रेमानंद से मिलकर माफी मांगी और पदयात्रा उसी रास्ते से शुरू करने की मांग की थी। इस पर संत ने सहमति दे दी थी। सोमवार को एक बार फिर आसपास के निवासियों के प्रतिनिधिमंडल ने संत प्रेमानंद से मुलाकात की। कहा, पदयात्रा में दर्शन के लिए देशभर से एक लाख श्रद्धालु प्रतिदिन आते थे। अब पदयात्रा न होने से सब मायूस हैं। वृंदावन में तो हरिनाम संकीर्तन होना ही चाहिए। हमें पदयात्रा से कोई दिक्कत नहीं है। हम आपके दर्शन से भी वंचित हो गए हैं।
संत ने दिया था ये जवाब
संत प्रेमानंद ने कहा हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है। कुछ लोगों को दिक्कत हुई थी और हम किसी को परेशानी में डालना नहीं चाहते। बस इतनी सी बात थी। इसलिए हमने पदयात्रा स्थगित कर रास्ता ही बदल दिया। हमारे अंदर उनके प्रति भी कोई दुर्भावना नहीं है, वे हमारे हैं। हम निश्चित तौर पर सोमवार रात श्रीकृष्ण शरणम से रात दो बजे से पदयात्रा शुरू करेंगे। चिंतित न हों, नियमित रूप से पदयात्रा अब जारी रहेगी।
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