UP 'का जामताड़ा': शादी में कौन लाया डिफेंडर और थार? साइबर ठगों के 12 गांव मथुरा पुलिस के रडार पर
मथुरा पुलिस ने साइबर ठगों के 12 गांवों को चिन्हित किया है, जिनमें गोवर्धन में सबसे अधिक गांव हैं। इन गांवों में छापेमारी की जाएगी और पहले से अपराधों म ...और पढ़ें

साइबर ठगी के आरोपितों को ले जाती पुलिस।
जागरण संवाददाता, मथुरा। साइबर ठगों से निपटने के लिए एसएसपी श्लोक कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने पहले पूरा होमवर्क किया है। 12 ऐसे गांवों को चिन्हित किया गया है, जहां साइबर ठग रहते हैं। इनमें सबसे ज्यादा गांव गोवर्धन के हैं। इन गांवों पर कार्रवाई के लिए पूरी रणनीति बनाई गई है। वरिष्ठ अधिकारी अचानक पुलिस को सूचना देंगे, ताकि पहले से कोई सूचना लीक नहीं हो सके।
रणनीति के तहत पुलिस करेगी कार्रवाई
छाता, शेरगढ़, कोसीकलां, बरसाना और गोवर्धन में साइबर ठगों का डेरा है। यही गांव ऐसे हैं, जहां समय-समय पर पुलिस की कार्रवाई होती रहती है। पुलिस इतनी बड़ी कार्रवाई करेगी, यह ग्रामीणों ने कभी सोचा नहीं था। पुलिस ने 12 गांवों की जो सूची बनाई है उसमें गोवर्धन थाने के देवसेरस, मुड़सेरस,नगला अकातिया, दौलतपुर, मड़ौरा गांव शामिल हैं। जबकि कोसीकलां थाना के नगला उटावर, सिरौली, सांचौली भी साइबर ठगी के लिए कुख्यात हैं। इसके अलावा शेरगढ़ में जंघावली और विशंभरा गांव में भी बड़ी संख्या में साइबर ठग रहते हैं।
सबसे अधिक गोवर्धन थाने में ठगों के गांव
इसी तरह बरसाना थाना का हाथिया गांव भी ठगों का प्रमुख गढ़ है। पुलिस ने यहां ठगी का काम करने वालों की सूची तैयार की जा रही है। एसपी देहात सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि इन गांवों को चिन्हित किया गया है, इनमें समय-समय पर कार्रवाई की जाएगी। गांव में जो पूर्व में अपराधों में शामिल रहे हैं, उनकी सूची तैयार की गई है।
रिश्तेदार भी डाल रहे डेरा
मथुरा में ठगों के गांव की ज्यादातर रिश्तेदारी राजस्थान और हरियाणा के मेव परिवार में है। जहां रिश्तेदारियां हैं, वह भी शातिर अपराधी हैं। ऐसे में वहां पर अपराध करने के बाद उत्तर प्रदेश के गांवों में डेरा डाले रहते हैं।
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किसने दी थी, पहले ही पुलिस आने की खबर
पहली बार ठगों के गांव में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई। बड़ी संख्या में पुलिस ने ठगों को पकड़ा। लेकिन एक बड़ा सवाल यह बार-बार उठ रहा है कि पुलिस ने गुरुवार सुबह छापा मारा, लेकिन छापे की खबर पहले ही ठगों के गांव तक पहुंच गई थी। जो कुख्यात ठग हैं, वह पहले ही गांव से फरार हो गए। जागरण टीम गुरुवार को जब गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने दबी जुबान से बताया कि गांव में छापे की जानकारी देर रात ही आ गई थी।
आपने दोबारा पैरवी की, तो हमारे दरवाजे भी नहीं खुलेंगे
ठगों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को एसएसपी श्लोक कुमार के पास कुछ लोग पैरवी के लिए पहुंचे। इसमें एक राजनैतिक दल के पदाधिकारी भी थे और कुछ ग्रामीण भी। एसएसपी से कहा कि जो लोग पकड़े गए हैं, उनमें कई पढ़ने वाले हैं। उन्हें गलत गिरफ्तार कर लिया गया है। इस पर एसएसपी ने कहा कि सभी शातिर हैं। आप लोगों से ऐसी उम्मीद नहीं थी कि ऐसे ठगों की पैरवी करेंगे। दोबारा ऐसी पैरवी के लिए आए तो हमारे दरवाजे भी नहीं खुलेंगे। बाद में पैरवी करने वाले मायूस होकर लौट गए।
बरात में डिफेंडर, थार लाने वालों की पहचान कर रही पुलिस
गोवर्धन। जिस देवसेरस गांव में शुक्रवार सुबह पांच बजे पुलिस ने छापेमारी कर ठगों की गिरफ्तारी की है। उसी गांव में गुरुवार रात राजस्थान के कामां से बरात आई थी। इस बरात में लग्जरी डिफेंडर गाड़ी के अलावा 40 के आसपास थार गाड़ियां थीं। इनमें बड़ी संख्या में ठगों का गिरोह शामिल था। अब पुलिस शादी के वीडियो तलाश रही है, इन वीडियो के आधार पर ठगों की तलाश की जा रही है।
बेटी के पिता को तलाश रही पुलिस, शादी के वीडियो भी जुटा रही
देवसेरस गांव में गुरुवार रात गांव के शबरू उर्फ मगरू की बेटी की बरात राजस्थान के कामां से आई थी। इसमें बराती डिफेंडर और थार जैसी कीमती गाड़ियों से आए थे। बताया जा रहा है कि बरातियों में ज्यादातर ठगों के गांव के ही थे। शादी के बाद रात में ही सभी गाडि़यों से सवार होकर चले गए। शुक्रवार को जागरण ने यह खबर प्रकाशित की तो पुलिस भी सक्रिय हो गई। पुलिस बेटी के पिता शबरू की तलाश कर रही है। वह भी गांव से फरार हैं। उधर, शादी के वीडियो भी पुलिस जुटा रही है। वीडियो फुटेज के उन ठगों को चिन्हित किया जा रहा है, जो बरात में शामिल हुए थे। ऐसे ठगों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

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