मथुरा के गांवों में Cyber Crime की पाठशाला, कमीशन लेकर नौजवानों को दे रहे ठगी की ट्रेनिंग
मथुरा के गांवों में साइबर अपराध की पाठशाला चल रही है, जहाँ युवाओं को ठगी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रत्येक प्रशिक्षक 30 से 40 युवाओं को तैयार करता ...और पढ़ें

गोवर्धन क्षेत्र के गांवों से साइबर क्राइम के संदेह में युवाओं को हिरासत में लेकर जाती पुलिस।
जागरण संवाददाता, मथुरा। साइबर ठग बकायदा युवाओं को ठगी का धंधा सिखाने के लिए पाठशाला चलाते हैं। जब युवक ट्रेंड हो जाते हैं तो उनसे बाकायदा कमीशन लेते हैं। एक -एक युवक 30 से 40 युवकों को ठगने का प्रशिक्षण देता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि यह कभी भी अपने नाम के सिम का उपयोग नहीं करते हैं। फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों से दूसरे राज्यों से सिम खरीदते हैं और फिर उसका उपयोग करते हैं।
दरअसल, जब से साइबर फ्राड की ओर गांव के युवाओं का रुख हुआ, तब से वह खुद ट्रेंड होने के बाद दूसरों को भी ट्रेंड करने लगे हैं। जो साइबर ठगी में पारंगत हैं तो वह गांव के दूसरे युवाओं को प्रशिक्षण देते हैं। एक-एक युवक 30 से 40 नौजवानों को प्रशिक्षण देता है।
जब वह सीख जाते हैं और कोई फ्राॅड करते हैं तो बकायदा उसका कमीशन लेते हैं। एक तरह से शातिर प्रशिक्षण की कार्यशाला चलाते हैं। फोन करने के लिए सिम भी दूसरे राज्यों का इस्तेमाल करते हैं।
देवसेरस, मुड़सेरस, नगला अकातिया और मड़ौरा यह राजस्थान सीमा से लगे गांव हैं। ऐसे में ठग फोन लेकर राजस्थान सीमा पर चले जाते हैं। जब वहां से काल करते हैं तो टाॅवर राजस्थान के डीग क्षेत्र का बताने लगता है, इससे पुलिस भी भ्रमित हो जाती है।
वह राजस्थान में तलाशने लगती है और ठग इसी गांव में घूमते रहते हैं। वहीं पुलिस जब धरपकड़ करने जाती है तो ठग सीमा पार कर दूसरे राज्य में शरण पा जाते हैं।
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