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    Mathura News: गीतकार संतोष आनंद के बेटे-बहू का सुसाइड केस; क्राइम ब्रांच ने लगाई FIR, आखिर क्या रहा आत्महत्या का कारण?

    Updated: Sun, 18 Feb 2024 07:52 AM (IST)

    Mathrua News In Hindi Today मथुरा पुलिस ने इस मामले में जांच की थी। इसके बाद क्राइम ब्रांच को मामला सौंपा गया। नौ साल तक चली इस केस की जांच क्राइम ब्र ...और पढ़ें

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    संकल्प आनंद व पत्नी नंदिनी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मथुरा। मशहूर गीतकार संतोष आनंद के पुत्र व पुत्रवधू आत्महत्या के मामले में नौ साल की जांच के बाद क्राइम ब्रांच ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। सुसाइड नोट के आधार पर फोरेंसिक इंस्टीट्यूट दिल्ली के महानिदेशक(डीजी), डीआइजी समेत 38 लोगों को नामजद किया गया था।

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    हाईप्रोफाइल मामले होने के बाद जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। नौ साल तक चली जांच में थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच सुबूत नहीं जुटा पाई। इसके बाद केस में अंतिम रिपोर्ट लगा दी है।

    लोकनायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीट्यूट आफ क्रिमिनोलाजी एंड फोरेंसिक साइंस दिल्ली के प्रवक्ता संकल्प आनंद ने 15 अक्टूबर, 2014 को पत्नी नरेश नंदिनी के साथ कोसीकलां थाना के कोटवन के समीप आगरा-दिल्ली इंटरसिटी ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी।

    दस पेज का लिखा था सुसाइड नोट

    संकल्प आनंद के पास मिले 10 पेज के सुसाइड नोट के आधार पर 17 अक्टूबर को कोसीकलां थाने में इंस्टीट्यूट के डीजी कमलेंद्र, तत्कालीन डीआइजी संदीप मित्तल, डीडीएस चाटोपाध्याय, एमके डागा, सिम्मी सकेश्वर, अमित सखेधर, रही गांगुली, गौरीशंकर, एलबी सिंह, सुधीर, अजय ठाकुर, फारुख, हाजी पिस्मी, प्रदीप शर्मा, शरद ओझा, सिद्धार्थ अग्रवाल, डाक्टर बत्तो, सपना गोयल, सुखवेंद्र, अरुण जैन, मिथलेश, जेपी यादव, मिंदरी बलबल सहित 38 लोगों के खिलाफ आत्महत्या को प्रेरित करने की धारा में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

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    क्राइम ब्रांच को मिला मामला

    विवेचना कोसीकलां पुलिस ने 25 दिसंबर, 2017 तक की। 26 दिसंबर, 2017 को यह मामला क्राइम ब्रांच के सिपुर्द कर दिया गया। तब से कई विवेचक बदले, लेकिन आरोपितों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला। बीते दिनों क्राइम ब्रांच ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी है।

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    पुलिस के अनुसार, आत्महत्या की नींव एक फर्जी प्रोजेक्ट के नाम पर 250 करोड़ रुपये के लेनदेन ने रखी थी। यह प्रोजेक्ट इंस्टीट्यूट की लैब व हास्टल के संबंध में था। संकल्प ने दिल्ली के रोहिणी इलाके में लैब व हॉस्टल बनाने की बात कही थी। उसके निर्माण, मशीन, अन्य कामकाज का ठेका दिलाने की एवज में 250 करोड़ रुपये लोगों से लिए थे। हकीकत में प्रोजेक्ट कुछ था ही नहीं।

    संकल्प प्रवक्ता थे

    संकल्प, इंस्टीट्यूट में प्रवक्ता थे, इसलिए लोगों को उनकी बात पर यकीन था। इस मामले में दिल्ली में संकल्प के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी। इसकी जांच गृह मंत्रालय ने भी कराई थी। गोपनीय जांच में लेनदेन की बात सही पाई गई थी। एसपी क्राइम अरविंद कुमार मिश्र ने बताया, विवेचना के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, उसके आधार पर एफआर लगाई गई है। इसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।