वृंदावन के 1000 परिवार घरों में कैद, सब्जी-दूध के लिए दोपहर का इंतजार; पानी को भी तरसे
वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में नए साल से पहले भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इससे मंदिर के आसपास के आधा दर्जन मुहल्लों के निवासी अपने घरों ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन: वर्ष के अंतिम दिनों में ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। पिछले तीन दिन से भीड़ इतनी कि मंदिर के अंदर से लेकर बाजार तक सब कुछ जाम है। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर आने वाले रास्ते में आधा दर्जन मुहल्लों के निवासी भक्तों की भीड़ के कारण घरों में कैद हो गए हैं।
जरूरी सामान की खरीदारी, बच्चों को स्कूल भेजना हो या फिर बीमार को दवा दिलवानी हो, घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ये हालात अभी से नए वर्ष में दो-तीन दिन तक चलने वाले हैं। ऐसे में स्थानीय लोग दोपहर को जब मंदिर के पट बंद होते हैं तो दूध, सब्जी आदि जरूरत की वस्तुओं की खरीदारी के लिए निकलने को मजबूर हो रहे हैं।
भीड़ के दबाव और बाजार में लगी रेलिंग से जनजीवन प्रभावित
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों की भीड़ सुबह सात बजे से ही जुटना शुरू हो जाती है और दोपहर को एक बजे मंदिर बंद होने तक दबाव बना रहता है। इसी तरह शाम चार बजे से रात नौ बजे तक भीड़ का दबाव बाजार व आसपास के क्षेत्रों में बना रहता है। सुबह जब लोग घरों से बाहर दूध, सब्जी आदि लेने की इच्छा लेकर निकलने की कोशिश करते हैं तो रास्ता तय कर पाना मुश्किल हो रहा है। हालात ये कि बीमार व्यक्ति को दवा दिलवाने ले जाना मुश्किल हो रहा है।
सब्जी-दूध के लिए दोपहर का इंतजार, पेयजल को भी तरसे
बाजार में स्कूल वैन नहीं पहुंच पा रही है, क्योंकि बाजार में रेलिंग और श्रद्धालुओं की भीड़ बनी है। घर में रसोई गैस सिलेंडर खत्म हो जाए तो दोपहर तक का इंतजार करना पड़ता है। यहां तक कि नगर निगम की कूड़ा गाड़ी भी इन दिनों मुहल्लों में नहीं पहुंच पा रही है। घरों में कई दिनों से कूड़ा एकत्रित हो रहा है। मंदिर क्षेत्र के मनीपाड़ा, होली गली, ठाकुर गली, दुसायत, बिहारीपुरा, जंगलकट्टी के निवासियों का जीवन दूभर हो रहा है। वे घरों में कैद होकर रह गए हैं।
बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे
मनीपाड़ा निवासी लाड़ली गौतम ने कहा बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। सब्जी, दूध लाने में भी समस्या हो रही है। दोपहर तक का इंतजार करना पड़ रहा है। घरों में शुद्ध पेयजल सप्लाई की बोतल लाने वाले भी नहीं पहुंच पा रहे हैं।
बिहारीपुरा निवासी भारत अग्रवाल ने कहा श्रद्धालुओं की भीड़ से पहले ही घर से निकला मुश्किल था। अब बाजार में रेलिंग लगा दी गई है। ऐसे में न तो बच्चों की स्कूल वैन आ पा रही है और न पीने का पानी घर तक पहुंच रहा है। सफाई की गाड़ी, कूड़ा गाड़ी भी नहीं आ पा रही है। कोई रिश्तेदार सामान लेकर घर आए तो घर तक पहुंच नहीं सकता। प्रशासन केवल व्यवस्था बिगाड़ने पर तुला है। कोई समाधान नहीं हाे रहा।
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रेलिंग से बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है
मनीपाड़ा निवासी नीरज गौतम ने कहा बाजार में लगी रेलिंग से बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सभी घरेलू काम थम गए हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, कोई घर की जरूरत की वस्तु खरीदने को निकल पा रहा। कोई आगजनी की घटना होती है तो दमकल का पहुंना भी नामुमकिन है। स्थानीय लोगों को परेशान करने की व्यवस्था ही बनाई जा रही है।
मनीपाड़ा निवासी लोकेश गौतम ने कहा भीड़ और रेलिंग के कारण घर से निकलना मुश्किल हो गया है। दोपहर को घर से निकल पा रहे हैं। सफाई और कूड़ा गाड़ी आ नहीं रही। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। श्रद्धालुओं की सुविधा जरूरी है तो स्थानीय लोगों की दिनचर्या भी जरूरी है। प्रशासन केवल श्रद्धालुओं की व्यवस्था पर ध्यान देता है। स्थानीय लोगों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी जाती हैं।

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