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    Akshaya Tritiya 2025: बांकेबिहारी मंदिर में अर्पित होगा चंदन का लड्डू, साल में एक दिन होते हैं चरण दर्शन

    Akshaya Tritiya अक्षय तृतीया पर ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में चंदन के लड्डुओं की तैयारी शुरू हो गई है। ठाकुरजी को शीतलता प्रदान करने के लिए चंदन लेपन किया जाएगा और उनके चरणों में चंदन का लड्डू अर्पित किया जाएगा। भक्त इस दिन ठाकुरजी के चरण दर्शन करते हैं जो साल में एक बार ही होते हैं। मंदिरों में चंदन यात्रा दर्शन की तैयारियां ज़ोरों पर हैं।

    By Vipin Parashar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 22 Apr 2025 10:56 AM (IST)
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    Banke Bihari Mandir: प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। गर्मी के मौसम में ठाकुरजी को शीतलता देने के लिए सेवायत कई प्रयास करते हैं। गर्मी के मौसम में फूलबंगले में ठाकुरजी को विराजित करके उन्हें शीतलता देने के प्रयास तो शुरू हो गए। लेकिन, अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी का चंदन लेपन कर सर्वांग दर्शन की तैयारियां भी ठाकुर बांकेबिहारी समेत सभी मंदिर और मठों में शुरू हो गई हैं।

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    इस दिन ठाकुर बांकेबिहारीजी साल में एक ही बार भक्तों को चरण दर्शन देते हैं, तो उनके चरणों में चंदन का लड्डू अर्पित होता है। इसी की तैयारी में सेवायत जुटे हैं। चंदन को घिसकर लड्डू बनाने की तैयारी हो रही है। ठाकुरजी को अर्पित करने के बाद प्रसादी चंदन भक्तों में बांटा जाता है।

    ठाकुर बांकेबिहारी जी साल में एक ही दिन अक्षय तृतीया के दिन भक्तों को चरण दर्शन देते हैं। सेवायत इस दिन ठाकुरजी के चरणों में चंदन का लड्डू अर्पित करते हैंए करीब सवा किलो के चंदन के लड्डू बनाने की तैयारियां सेवायतों के घरों में शुरू हो चुकी है। हर सेवायत एक लड्डू जरूर अर्पित करता है।

    30 अप्रैल को है अक्षय तृतीया

    इस बार अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है। अक्षय तृतीया पर सुबह ठाकुरजी चरण दर्शन देंगे, तो सेवायत ठाकुरजी के चरणों में चंदन का लड्डू अर्पित करेंगे। भक्तों को जब आराध्य चरण दर्शन देंगे, तो चंदन के लड्डू का भी दर्शन होगा। इसी के लिए सेवायत अब चंदन घिसकर लड्डू तैयार करने की तैयारी में जुटे हैं। वृंदावन के सभी मंदिरों में अक्षय तृतीया के दिन भगवान के विग्रहों को चंदन के लेप से पूरा ढंक दिया जाता है।

    भगवान परशुराम का है जन्मदिवस

    वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाता है। यह दिन भगवान परशुराम का जन्मदिवस भी है। मंदिरों में इस दिन ठाकुरजी का चंदन लेपन कर सर्वांग दर्शन करवाए जाते हैं। शहर के राधाबल्लभ, राधादामोदर, राधारमण, राधाश्यामसुंदर, राधागोविंद देव, गोपीनाथ, मदनमोहन, गोकुलानंद समेत सभी मंदिरों में चंदन यात्रा दर्शन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

    वृंदावन के ठाकुर राधादामोदर मंदिर में अक्षय तृतीया की तैयारियों को लेकर चंदन घिसते सेवायत। - फोटो: जागरण।

    राधादामोदर में शुरू हुई तैयारियां

    ठाकुर राधा दामोदर मंदिर में अक्षय तृतीया पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सेवायतों ने दक्षिण से मंगाए चंदन को नित्य प्रतिदिन घिसकर लेप तैयार करना शुरू कर दिया है। सेवायत कृष्णबलराम गोस्वामी ने बताया अक्षय तृतीया पर चंदन श्रृगार की परंपरा 500 वर्ष पुरानी है। गौड़ीय संप्रदाय के माधवेंद्र पुरी गोवर्धन के जतीपुरा में रहकर श्रीनाथजी की सेवा करते थे। श्रीनाथजी ने उन्हें स्वप्न देकर गर्मी से राहत देने को मलयागिरी से चंदन लाकर चंदन श्रृंगार करने का आदेश दिया। तभी से मंदिर में भी चंदनयात्रा की शुरुआत की गई थी।करुण गोस्वामी ने कहा ठाकुर राधा दामोदर लाल के सर्वांग दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

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    भोग में अर्पित करेंगे सत्तू

    अक्षय तृतीया के दिन ठाकुरजी का चंदन लेपन किया जाएगा। सेवायत भोग में सत्तू विशेष रूप से ठाकुरजी को अर्पित करेंगे। सत्तू का प्रसाद भी भक्तों को बांटा जाएगा।