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    फर्जी डिग्री बनाकर चला रहा था अल्ट्रासाउंड सेंटर... एक चूक में पकड़ा जालसाज 'डाक्टर'; पुलिस ने भेजा जेल

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 11:59 AM (IST)

    मैनपुरी में अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक को फर्जी डिग्री के सहारे स्वास्थ्य विभाग को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। डिप्टी सीएमओ की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की। आरोपी ने लाखों रुपये खर्च कर फर्जी डिग्री हासिल करने की बात कबूली है। स्वास्थ्य विभाग की भूमिका भी संदेह के घेरे में है क्योंकि दो साल से बिना जांच के सेंटर का नवीनीकरण किया जा रहा था।

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    मंगलवार को जेल जाने के दौरान मुंह छिपाता तथाकथित डाक्टर सुभाष चंद्र।

    जागरण संवाददाता, मैनपुरी। फर्जी डिग्री के सहारे स्वास्थ्य विभाग को धोखा देकर एक साल से अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक से 50 हजार रुपये की फीस वसूलने वाले तथाकथित डाक्टर को पुलिस ने जेल भेज दिया है। आरोपित के खिलाफ डिप्टी सीएमओ द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई है। अब पुलिस आरोपित के अन्य साथियों की तलाश में जुट गई है। वहीं सीएमओ ने अन्य अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लगे डाक्टरों के अभिलेखों की जांच के निर्देश दिए हैं।

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    नगर के कचहरी रोड पर संचालित राज अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालन को रेडियोलॉजिस्ट के रूप में सुभाष चंद्र निवासी बुढाना शामली ने अपने अभिलेख स्वास्थ्य विभाग से पंजीकरण के लिए लगाए थे। जब डिप्टी सीएमओ डॉक्टर सुरेंद्र सिंह द्वारा एमबीबीएस के अभिलेख जांचे गए तो अभिलेख पूरी तरह से कूटरचित फर्जी निकले।

    डिप्टी सीएमओ की तहरीर पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की कार्रवाई

    जिस पर योजना के तहत उसे सीएमओ कार्यालय बुलाया गया। जब सोमवार को सुभाष कार्यालय पहुंचा तो पूछताछ के बाद उसे कोतवाली पुलिस के सिपुर्द कर दिया गया। डिप्टी सीएमओ की ओर से देर शाम आरोपित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। मंगलवार को इंस्पेक्टर कोतवाली फतेह बहादुर सिंह ने उससे पूछताछ की तो आरोपित फूट-फूटकर रोने लगा और उसने कहा कि लाखों रुपये खर्च कर फर्जी डिग्री हासिल की।

    नगर में संचालित एक अल्ट्रासाउंड सेंटर लगाए थे फर्जी अभिलेख, जांच में पकड़ा

    एक साल से अधिक समय तक वह अल्ट्रासाउंड सेंटर पर काम करता आ रहा है। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को थी और उसके अभिलेख भी अधिकारियों के पास थे। उसे ही दोषी क्यों बनाया गया है। जबकि उसके इस काम में विभाग का भी तो सहयोग है। जबकि पिछले साल भी अभिलेखों की जांच हुई थी, तब उसे क्यों नहीं पकड़ा गया। आरोपित ने विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की मांग की। वहीं पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपित को न्यायालय पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

    आरोपित को भेजा जेल

    इस संबंध में कोतवाली प्रभारी फतेह बहादुर सिंह भदौरिया ने बताया कि आरोपित को जेल भेज दिया है। आरोपित द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर मामले की गहनता से जांच की जा रही है। आरोपित की मिलीभगत में विभाग के कुछ लोगों के भी नाम सामने आए हैं। जल्द ही इसका राजफाश किया जाएगा।

    आखिर दो साल से विभाग ने क्यों नहीं कराई जांच

    फर्जी डिग्री से अल्ट्रासाउंड सेंटर का पंजीकरण कराने वाले तथाकथित डाक्टर को पुलिस ने जेल भेज दिया है। उक्त डॉक्टर की डिग्री पर पिछले दो साल से सेंटर का स्वास्थ्य विभाग द्वारा नवीनीकरण किया जा रहा था। ऐसे में सवाल ये उठता है कि दो साल में विभाग द्वारा तथाकथित डॉक्टर के अभिलेखों की जांच क्यों नहीं की।

    विभाग में ये भी चर्चा है कि पूर्व में पटल प्रभारी और नोडल अधिकारी की मिलीभगत से बिना जांच के ही संचालकों से मोटी रकम लेकर पंजीकरण किए जा रहे थे। वहीं मामला सामने आने के बाद सीएमओ डा. आरसी गुप्ता ने सभी निजी क्लीनिक और अल्ट्रासाउंड सेंटरों के पंजीकरण की गहनता से जांच करने के निर्देश दिए हैं।

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