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    India-Nepal Border Cyber Fraud: डिजिटल वॉलेट में बदला जा रहा ठगी का रुपया, नेपाल तक हो रहा ट्रांसफर

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 03:46 PM (IST)

    भारत-नेपाल सीमा पर नौतनवा और सोनौली क्षेत्रों में साइबर अपराधी ठगी के पैसे को क्रिप्टो करेंसी के जरिए सफेद कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियां इस अंतरराष्ट्र ...और पढ़ें

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    आय से अधिक संपत्ति पर एजेंसियों की नजर, नेपाल लिंक की जांच तेज। जागरण

    जागरण संवाददाता, नौतनवा। साइबर अपराध से अर्जित काले धन को सफेद करने के लिए अब क्रिप्टो करेंसी को सबसे सुरक्षित माध्यम बनाया जा रहा है। भारत–नेपाल सीमा से सटे नौतनवा और सोनौली क्षेत्र में बैठे साइबर फ्रॉड के हैंडलर क्रिप्टो करेंसी के जरिए करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित कर चुके हैं।

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    इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर भारतीय खुफिया एजेंसियों के साथ-साथ सीमा सुरक्षा से जुड़ी इकाइयों की भी कड़ी नजर बनी हुई है। साइबर ठग फर्जी काल, आनलाइन निवेश स्कीम, केवाईसी अपडेट, बैंकिंग धोखाधड़ी और ओटीपी फ्राड के जरिए बड़ी रकम जुटाते हैं।

    इसके बाद इस धन को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर डिजिटल वालेट के माध्यम से ट्रांसफर किया जाता है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण इस नेटवर्क का सीधा कनेक्शन नेपाल से जुड़ा हुआ है। कई मामलों में क्रिप्टो वालेट नेपाल में सक्रिय हैंडलरों के पास ट्रांसफर किए जा रहे हैं, जिससे धन के वास्तविक स्रोत और गंतव्य को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।

    खुफिया एजेंसियों को ऐसे कई इनपुट मिले हैं, जिनमें यह सामने आया है कि कुछ लोग सीमित आय के बावजूद महंगी संपत्तियां, वाहन और लग्जरी जीवनशैली अपना रहे हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामलों में साइबर सेल, आर्थिक अपराध इकाई और अन्य एजेंसियां संयुक्त रूप से जांच कर रही हैं।

    संदिग्ध बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और डिजिटल वालेट की तकनीकी निगरानी के साथ नेपाल से जुड़े लेनदेन की भी पड़ताल की जा रही है। क्रिप्टो करेंसी का इस तरह दुरुपयोग देश की आर्थिक और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है।

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    प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध काल, लिंक या निवेश प्रस्ताव से बचें और साइबर अपराध की सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन या पुलिस को दें।

    सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय साइबर फ्राड नेटवर्क पर जल्द बड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। क्षेत्राधिकारी अंकुर गौतम ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में साइबर फ्राड के लिए विशेष निगरानी की जा रही है, शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी।