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    सीएम योगी ने PCS अधिकारी गणेश प्रसाद को क‍िया बर्खास्त, 2 पीसीएस अफसर सस्‍पेंड; क्‍यों हुई बड़ी कार्रवाई?

    Updated: Fri, 14 Feb 2025 07:31 AM (IST)

    योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपी पीसीएस अधिकारी गणेश प्रसाद सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही दो पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया ...और पढ़ें

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    उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ।- फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपी पीसीएस अधिकारी गणेश प्रसाद सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही दो पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित दोनों पीसीएस अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।

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    गणेश प्रसाद अपर जिलाधिकारी स्तर के पीसीएस अधिकारी हैं। जौनपुर में मुख्य राजस्व अधिकारी रहने के दौरान वित्तीय अनियमितता के आरोप में उन्हें निलंबित किया गया था।

    सीएम योगी के न‍िर्देश पर हुई कार्रवाई

    उन पर यह भी आरोप है कि कुशीनगर में रहने के दौरान उन्होंने ग्राम समाज की जमीन नियमों के विपरीत जाकर पट्टे पर दे दिया था। शासन ने इस संबंध में कुशीनगर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी। इसमें गड़बड़ी की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्ताव भेजा गया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।

    दो पीसीएस अधि‍कारी सस्‍पेंड

    इसके अलावा बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे व बरेली रिंग रोड निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले के आरोप में दो पीसीएस अधिकारियों अशोक कुमार और मदन कुमार को निलंबित कर दिया गया है।

    एडीएम बरेली के पद पर तैनात हैं अशोक कुमार 

    अशोक कुमार इस समय एडीएम बरेली और मदन कुमार मऊ में तैनात हैं। इन दोनों अधिकारियों पर बरेली में तैनाती के दौरान हुए भूमि घोटाले में शामिल होने का आरोप है। इन दोनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।

    200 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला आ चुका है सामने 

    बता दें क‍ि बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे व बरेली रिंग रोड निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण घोटाले में इससे पहले लोक निर्माण विभाग के दो अवर अभियंताओं को निलंबित किया जा चुका है। घोटाले में शामिल अन्य 15 आरोपितों को भी निलंबित किया जा चुका है। हाईवे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में करीब 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आ चुका है।

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