Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: विकास के लिए 84000 करोड़ का कर्ज ले सकती है योगी सरकार, महाकुंभ से म‍िल रही आर्थिक संजीवनी

    By Jagran NewsEdited By: Vrinda Srivastava
    Updated: Thu, 13 Feb 2025 11:28 AM (IST)

    विकास की गति को ऊंचाइयों तक ले जाने में प्रदेश सरकार जुटी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में कर्ज का भार करीब 84 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है। प्रदेश पर ...और पढ़ें

    Hero Image
    विकास के लिए 84000 करोड़ का कर्ज ले सकती है योगी सरकार।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने और विकास की गति को ऊंचाइयों तक ले जाने में प्रदेश सरकार जुटी है। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2025-26 में कर्ज का भार करीब 84 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है। प्रदेश पर कुल कर्ज बढ़कर 9 लाख करोड़ रुपये के करीब होने का अनुमान किया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्य के कर्ज का यह आंकड़ा इस साल के लिए अनुमानित बजट आकार 8.10 लाख करोड़ रुपये से करीब 90 हजार करोड़ अधिक होगा। राज्यों को तेज विकास के लिए वित्तीय संस्थाओं से कर्ज लेने की जरूरत पड़ती ही है। देखना सिर्फ यह होता है कि सरकारें जो कर्ज ले रही हैं उनका उपभोग किस मद में किया जा रहा है।

    सरकार को महाकुंभ से म‍िल रही आर्थिक संजीवनी

    कर्ज की पूरी रकम यदि विकास पर खर्च हो तो उसे सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि विकास से जुड़े कार्य होने पर अर्थव्यवस्था में तेजी आती है। मौजूदा समय में सरकार को महाकुंभ से आर्थिक संजीवनी भी मिल रही है। महाकुंभ से अर्थव्यवस्था में आने वाली तेजी से अधिक संभावना है कि राज्य को अनुमान से बहुत कम कर्ज लेने पड़ें।

    कुल बजट 8.10 लाख करोड़ होने का अनुमान

    वित्त विभाग द्वारा मध्यकालिक राजकोषीय पुन: संरचना नीति-2024 के तहत अगले तीन सालों के बजट, राजस्व प्राप्तियां, खर्च, ऋणग्रस्तता आदि का जिक्र किया गया है। इस आंकड़ें के तहत 2025-26 में राज्य सरकार का कुल बजट 8.10 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

    जरूरत के ह‍िसाब से ऋण ले सकती है राज्‍य सरकार

    राज्य सरकार को स्वयं के कर से, केंद्रीय करों में हिस्सेदारी, स्वयं के करेत्तर राजस्व, केंद्र सरकार से सहायता अनुदान, पूंजीगत प्राप्तियां, ऋण व अग्रिम की वसूली तथा लोक ऋण से करीब आठ लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। वित्त विभाग ने यह भी अनुमान किया है कि 2025-26 में लोक ऋण के रूप में राज्य सरकार करीब 1.21 लाख करोड़ रुपये जरूरतों के मुताबिक ले सकती है।

    9.01 लाख करोड़ का हो सकता है कर्ज

    राज्यों के कर्ज लेने की सीमा राज्य की कुल जीएसडीपी का 3.5 प्रतिशत तक है। सरकार के कर्ज लेने का ग्राफ इस सीमा के अधीन ही रहता है। वित्त विभाग के आंकड़ें बता रहे हैं कि 2025-26 के वित्तीय वर्ष में राज्य पर कुल कर्ज बोझ करीब 9.01 लाख करोड़ हो सकता है।

    2027-28 तक देखने को मिलेंगे सुखद पर‍िणाम

    कर्ज का यह ग्राफ चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में अनुमानित कुल कर्ज से करीब 8.16 से 84 हजार करोड़ रुपये अधिक बन रहा है। आर्थिक मामलों के जानकार बताते हैं कि प्रदेश में हो रहे निवेश के सुखद परिणाम वर्ष 2027-28 तक देखने को मिलेंगे। अधिक संभावना है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अगले तीन सालों में उम्मीदों से अधिक तेजी दिखे।

    य‍ह भी पढ़ें: योगी सरकार बजट में खोलेगी पिटारा! विकास कार्यों के लिए मिल सकते हैं 2.25 लाख करोड़ रुपये

    य‍ह भी पढ़ें: