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    यूपी में सभी एक्सप्रेसवे पर बनाए जाएंगे अस्पताल, CM योगी का आदेश- शराब की एक भी दुकान ना हो

    Updated: Sun, 02 Mar 2025 07:24 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है। अब एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर फूड प्लाजा की तरह ही अस्पतालों की भी व्यवस्था की जाएगी। सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रामा सेंटर एंबुलेंस और प्रशिक्षित स्टाफ तैनात किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे की शराब की दुकानों को भी हटाया जाएगा। ये आदेश सीएम योगी ने दिए हैं।

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    यूपी सरकार हाईवे पर फूड प्लाजा की तरह अस्पताल बनाएगी। (तस्वीर जागरण)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने और घायलों को त्वरित उपचार प्रदान करने के लिए योगी सरकार कई बड़े कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर फूड प्लाजा की तरह अस्पतालों की व्यवस्था की जाए।

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    सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रामा सेंटर, एंबुलेंस एवं प्रशिक्षित स्टाफ को तैनाती भी सुनिश्चित की जाए। एक्सप्रेस-वे के किनारे की शराब की दुकानों को हटाया जाए।

    सीएम योगी ने दिया आदेश

    दुर्घटनाओं के वार्षिक आंकड़ों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 34,600 लोग घायल हुए हैं, जबकि 24 हजार से अधिक मौतें हुई हैं, जो कि अत्यंत दुखद है। इसे हर हाल में न्यूनतम करना होगा।

    वर्ष 2024 में प्रदेश के 75 जिलों में सबसे ज्यादा 20 जिलों हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलन्दशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर में दुर्घटनाओं से जनहानि हुई है। प्रदेश में कुल हुई दुर्घटना मृत्यु में 42 प्रतिशत इन जिलों से है।

    मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हो- सीएम योगी

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर सामूहिक प्रयासों के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करें। सभी मार्गों पर ब्लैक स्पाट को चिन्हित कर उन्हें ठीक कराएं। जिला स्तर पर प्रत्येक माह एवं मंडल स्तर पर त्रैमासिक मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक अनिवार्य रूप से हो।

    प्रदेश के छह मंडलों अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर एवं आगरा मंडल में पिछले वर्ष हुई सिर्फ एक ही बैठक पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। बस्ती, लखनऊ, गोरखपुर और मीरजापुर में हुई चार बैठकों पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया।

    मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024 में जिला सड़क सुरक्षा समिति की कम बैठक करने वाले बलरामपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, चंदौली, व जौनपुर जिलों के अधिकारियों से इसी सप्ताह बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिक गति , शराब पीकर वाहन चलाना, विपरीत दिशा में वाहन गाड़ी चलाना, लाल सिग्नल को नजरअंदाज करना एवं मोबाइल फोन का उपयोग सड़क दुर्घटना के मुख्य कारण हैं।

    इसके लिए लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों के पाठ्यक्रम में यातायात नियमों को भी जोड़ा जाए। बिना परमिट की बसें सड़कों न चलने पाएं। डग्गामार वाहनों एवं ओवरलेडेड ट्रकों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करें।

    दूसरे प्रदेश से आने वाले वाहन बिना परमिट ना आएं

    दूसरे प्रदेश से आने वाले बिना परमिट के वाहनों को सीमा पर रोकें। ट्रासंपोर्ट एसोसिएशन एवं व्हीकल एसोसिएशन से संवाद स्थापित कर यह सुनिश्चित कराएं कि लंबी दूरी के वाहनों पर दो ड्राइवर हों। शहरों में नाबालिग बच्चे ई-रिक्शा चला रहे हैं। इस पर प्रभावी अंकुश लगाएं।

    साथ ही सभी ई रिक्शा ड्राइवर का वैरिफिकेशन अवश्य कराएं। आरटीओ को बिचौलियों से पूर्णतः मुक्त रखें, इसके लिए समय-समय पर रैंडम चेकिंग अभियान चलाएं। एक्सप्रेस-वे एवं हाइवे पर क्रेन, पेट्रोलिंग वाहन और एंबुलेंस की संख्या बढ़ाएं।

    हाईवे पर कैमरे लगाने के आदेश

    प्रदेश में एनएचएआइ की 93 सड़क में से सिर्फ चार पर कैमरे लगे हैं। मुख्यमंत्री ने बाकी सड़कों पर भी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। एनएचएआइ की बहुत सड़कों पर पैदल पुल बनाने, जाम की समस्या से लोगों को राहत देने के लिए सिविल पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड के जवानों को ट्रेनिंग देकर यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने के भी निर्देश दिए।

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