आकाश आनंद की कुर्सी BSP से क्यों गई, ससुर अशोक सिद्धार्थ से नजदीकियां बनी बुआ से दूरी की वजह या कुछ और...?
बसपा में मायावती और उनके भतीजे आकाश आनंद के बीच चल रही खींचतान काफी दिनों से थी। हाल ही में मायावती ने आकाश को पार्टी से निकाल दिया। इससे पहले भतीजे के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित किया था। मायावती ने आकाश आनंद को किनारे क्यों किया? ऐसी चर्चा है कि ससुर से नजदीकियां ही बुआ से दूरियों की वजह बनीं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद से ही बसपा में गुटबाजी की बात सामने आ रही थी। जिसके बाद मायावती ने अशोक सिद्धार्थ (Ashok Siddhartha) को पार्टी से निकाल दिया था और आकाश (Akash Aanand) के उत्तराधिकार को लेकर भी प्रश्न खड़े किए थे। तब से ही आकाश को उत्तराधिकारी पद से हटाने के कयास लग रहे थे।
आखिरकार 3 मार्च को मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाल ही दिया। एक दिन पहले 2 मार्च को उन्होंने आकाश को सभी पदों से हटा दिया था। इस दौरान उन्होंने ससुर आकाश सिद्धार्थ का भी जिक्र किया था।
मायावती ने भतीजे के ससुर को बताया जिम्मेदार
मायावती का कहना है कि अशोक सिद्धार्थ ने आकाश आनंद का राजनीतिक करियर बर्बाद कर दिया। मायावती ने कहा कि उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं है और जब तक वह जीवित हैं, तब तक पार्टी के कामकाज को खुद ही संभालेंगी।
अब सवाल ये है कि आकाश आनंद को बसपा ने पार्टी से क्यों निकाला। मायावती ने भतीजे पर इतना बड़ा एक्शन क्यों लिया। आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ का आकाश आनंद के राजनीतिक करियर बिगड़ने से क्या संबंंध है?
सबसे पहले अशोक सिद्धार्थ को मायावती ने पार्टी से निकाला
बात 12 फरवरी 2025 की है। मायावती (Mayawati) ने अपने भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद (Akash Anand) के ससुर अशोक सिद्धार्थ (Ashok Siddharth) को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसकी जानकारी मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर दी थी।
मायावती का कहना था कि चेतावनी के बावजूद अशोक सिद्धार्थ गुटबाजी आदि की गतिविधियों में लिप्त थे। इसी वजह से पार्टी ने फैसला लिया है।
बसपा के दिग्गज नेता अशोक सिद्धार्थ
अशोक सिद्धार्थ मायावती के बेहद करीबी और खास माने जाते हैं। वह कायमगंज (फर्रुखाबाद) के निवासी हैं। मायावती के कहने पर ही उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी थी और बसपा में शामिल हो गए थे। हालांकि इस सरकारी सेवा के दौरान भी वह बामसेफ से जुड़े रहे थे।
इसके बाद भतीजे पर भी लिया एक्शन
अभी एक महीने भी नहीं बीते थे कि मायावती ने भतीजे को लेकर बड़ा एक्शन ले लिया। 2 मार्च को आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से मुक्त कर दिया। मायावती ने बताया कि अशोक सिद्धार्थ ने आकाश आनंद का राजनीतिक करियर बर्बाद किया। अशोक सिद्धार्थ को निकालना पड़ा। आकाश आनंद पर उनकी पत्नी का प्रभाव था, जो पार्टी हित में नहीं था। उन्होंने कहा कि मेरे जीते जी मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा।
मायावती ने कहना है कि आकाश आनंद लगातार अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के संपर्क में रहे, जिन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। आकाश को पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी, लेकिन इसके विपरीत वो लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वह उनके पछतावे व राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं, बल्कि ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है।
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