Lucknow News: 24 सीढ़ियां चढ़कर अपने सचिव के पिता से मिलेंगे उपराष्ट्रपति, अचानक चर्चा में आ गया 'मकान नंबर ए-1/5'
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ लखनऊ में अपने सचिव के पिता सेवानिवृत्त प्रोफेसर सुरेश चंद्र गुप्ता से मिलने उनके बाल्दा कॉलोनी स्थित घर जाएंगे। 84 वर्षीय प्रोफेसर गुप्ता अस्वस्थ हैं लेकिन उपराष्ट्रपति चौबीस सीढ़ियां चढ़कर उनसे मिलने की खबर से उत्साहित हैं। धनखड़ गुप्ता के पुत्र सुनील गुप्ता की ईमानदारी से प्रभावित हैं जो उनके सचिव हैं।
अजय श्रीवास्तव, लखनऊ। निशातगंज की बाल्दा कालोनी के मकान नंबर ए-1/5 में रहने वाले 84 वर्षीय प्रोफेसर सुरेश चंद्र गुप्ता थोड़ा अस्वस्थ हैं लेकिन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के घर आने की सूचना ने चेहरे पर चमक बढ़ा दी है।
पत्नी श्याम जानकी के साथ परिवार के लोगों को गुरुवार शाम साढ़े चार बजे का इंतजार है, जब 1960 में बनी नगरपालिका की बाल्दा कालोनी में उनके मकान की संकरी सी 24 सीढिय़ां चढ़कर उपराष्ट्रपति छोटे से कमरे में मिलेंगे आएंगे। सीढ़ियों को गिनने भी पुलिस की टीम आई थी।
केजीएमयू से मानसिक चिकित्सा विभाग से सेवानिवृत्त प्रोफेसर सुरेश चंद्र गुप्ता पहले भी उपराष्ट्रपति से मिल चुके हैं। दरअसल उनके बड़े सुनील कुमार गुप्ता 1985 बैच के बंगाल कैडर के आइएएस अधिकारी हैं।
पश्चिम बंगाल में तैनाती के दौरान धनखड़ के संपर्क में तब आए थे, जब वह 2019 से 2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। इसके बाद सुनील गुप्ता पश्चिम बंगाल के राजभवन में तैनात कर दिए गए थे।
सुनील गुप्ता की ईमानदारी और काम करने की शैली से प्रभावित जगदीप धनखड़ जब उपराष्ट्रपति बने तो उन्हें अपने साथ दिल्ली लेकर चले गए और अपना सचिव बनाया। इसी दौरान सुनील गुप्ता के पिता प्रोफेसर सुरेश गुप्ता बीमार हो गए और उनका नई दिल्ली में इलाज चला।
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उप राष्ट्रपति उन्हें कई बार अस्पताल और सुनील गुप्ता के घर देखने गए, लेकिन तबियत खराब होने से कम बातचीत हुई। तब उप राष्ट्रपति ने कहा था कि कभी लखनऊ आएंगे तो घर आकर अवश्य मिलेंगे।
यह शुभ घड़ी आ भी गई और राज्यपाल की पुस्तक का विमोचन करने आ रहे उपराष्ट्रपति गुरुवार को शाम साढ़े चार बजे प्रोफेसर सुरेश चंद्र गुप्ता के घर आएंगे। ऐसे में सुरक्षा उपकरणों से घर लैस हो गया है।
कुछ घंटों में चर्चा में आया मकान नंबर ए-1/5
खुफिया टीम से लेकर पुलिस अधिकारी बाल्दा कालोनी के मकान ए-1/5 पर पहुंचने लगे तो नगर निगम की टीम नालियों और सड़क को खुरच खुरच कर साफ कर रही थी। इस मकान में रहने वाले तो चिरपरिचित हैं लेकिन उनकी पहुंच की जानकारी तब हुई जब दोपहर में उपराष्ट्रपति के आने का रिहर्सल हुआ।
बाल्दा रोड कालोनी न्यू हैदराबाद के डा. सुरेश चंद्र गुप्ता, श्याम जानकी गुप्ता व बेटी डा. कंचन पोरवाल। जागरण
दर्जन भर गाड़ियां सायरन बजाते हुए निकली तो हर किसी को पता चला कि कोई खास आने वाला है। दरअसल सुनील गुप्ता के पश्चिम बंगाल में ही तैनाती होने से अधिकांश को उनके बारे में जानकारी नहीं थी। नीचे के भाग में प्रोफेसर सुरेश चंद्र गुप्ता की बेटी डा. कंचन पोरवाल और उनके पति डा.आरके पोरवाल की क्लीनिक है।
मकान की भी डा. पोरवाल से ही पहचान है। कारण यह है कि स्ट्रोक पड़ने से प्रोफेसर सुरेश चंद्र गुप्ता अब पहली मंजिल पर ही रहते हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारियों का दिन भर आवागमन होता रहा।
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हम ऊपर आकर ही मिलेंगे
प्रोफेसर सुरेश चंद्र गुप्ता की पत्नी श्याम जानकी गुप्ता भी बहुत खुश हैं। कहती हैं कि जब उपराष्ट्रपति के यहां बताया गया कि संकरी ही 24 सीढिय़ों से चढ़कर ही जाना पड़ेगा, बेहतर होगा कि यह मुलाकात नीचे बेटी के कमरे में करा दी जाए तो उपराष्ट्रपति ने कहा, वह बेटी से नहीं, उनके पिता से मिलने आ रहे हैं और वह सीढ़ी से चढ़कर ही जाएंगे।
नाश्ते में खास बूंदी लड्डू
सुरक्षा कारणों से पैक फूड ही लाने को कहा गया है, इसलिए घर पर नाश्ता बनाकर खिलाने का सपना अधूरा रह जाएगा। बेटी डा.कंचन पोरवाल कहती हैं कि बहुत से आइटम हैं, जिसमे बूंदी का लड्डू भी है, जिसकी जांच करने सुबह टीम आएगी।
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