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    ‘140 करोड़ देशवासियों के समग्र हित में…’, जातिगत जनगणना के फैसले पर सीएम योगी का रिएक्शन

    Updated: Thu, 01 May 2025 09:03 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जातिगत जनगणना कराने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह 140 करोड़ देशवासियों के हित में एक अभूतपूर्व निर्णय है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इससे देश आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत होगा।

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    जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम: योगी

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केंद्रीय कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति द्वारा जनगणना के साथ ही जातिगत जनगणना कराने की स्वीकृति मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका स्वागत किया है। 

    सीएम योगी ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 140 करोड़ देशवासियों के समग्र हित में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय अभूतपूर्व एवं स्वागत योग्य है। वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों को सही पहचान और सरकारी योजनाओं में उनकी उचित भागीदारी दिलाने की दिशा में यह एक निर्णायक पहल है। 

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    मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार जताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भाजपा सरकार ने सामाजिक न्याय और डाटा-आधारित सुशासन को वास्तविकता में बदलने का यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

    नई ऊर्जा का संचार होगा: केशव

    वहीं, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना से देश आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत होगा और प्रगति को पंख लग जाएंगे। एक न:ई ऊर्जा का संचार होगा जो विकसित भारत में सहायक होगा।

    उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि आजादी के बाद कई दशकों तक राज करने वाली कांग्रेस हमेशा ही जातिगत जनगणना का विरोध करती रही है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन के बाकी दलों ने नाहक रूप से जातिगत जनगणना को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया, जबकि वह इस मामले में कतई गंभीर नहीं थे। भाजपा ने कभी भी जातिगत जनगणना का विरोध नहीं किया। भाजपा ने बिहार में भी इसका समर्थन किया था।

    उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि यह निर्णय देश की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण है। यह सिर्फ एक निर्णय नहीं, बल्कि दशकों की उपेक्षा और अनदेखी का अंत है। कांग्रेस सहित जो राजनीतिक दल वर्षों तक सत्ता में रहकर भी इस विषय पर मौन साधे रहे, उनके लिए यह एक करारा संदेश है। 

    उन राजनीतिक दलों ने सिर्फ घोषणाओं और भाषणों में जातिगत जनगणना की बात की, लेकिन आज प्रधानमंत्री ने इसे कर दिखाया। जातिगत आंकड़े लोकतंत्र को मजबूत करेंगे। नीति निर्माण को न्यायसंगत बनाएंगे और समावेशी विकास की राह को प्रशस्त करेंगे।

    भाजपा के सहयोगी दलों ने भी निर्णय को सराहा

    भाजपा के सहयोगी दलों ने भी इस निर्णय की सराहना की है। अपना दल सोनेलाल की अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस निर्णय को वंचितों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि सड़क से संसद तक उनकी पार्टी ने इस मुद्दे की पुरजोर वकालत की है। 

    सुभासपा के मुख्य प्रवक्ता अरुण राजभर ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय-सामाजिक न्याय की दिशा में निर्णायक कदम है। यह सिर्फ जातिगत जनगणना नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की बुनियाद है। 

    निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय देशहित में स्वागत योग्य कदम है। मछुआ समाज प्रधानमंत्री का आभार व धन्यवाद व्यक्त करता है।