UP VidhanMandal Monsoon Session 2025 : CAG Reports Exposed - ग्रेनो में बिना प्रविधान के 9.61 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन बोनस का अनियमित भुगतान
CAG Report Exposed Greater Noida Industrial Development Authority बोर्ड के अनुमोदन पर 17 गांवों के 92 किसानों को नो लिटिगेशन बोनस (प्रोत्साहन बोनस) के रूप में 9.61 करोड़ रुपये का भुगतान किया था जबकि भूमि अर्जन अधिनियम-1894 व 2013 के तहत इस प्रकार के बोनस का कोई प्रविधान नहीं है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विधान सभा में सीएजी की रिपोर्ट में बड़ी अनियमितता सामने आई है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में इसका राजफाश किया गया है।
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (ग्रेनो) ने बोर्ड के अनुमोदन पर 17 गांवों के 92 किसानों को नो लिटिगेशन बोनस (प्रोत्साहन बोनस) के रूप में 9.61 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, जबकि भूमि अर्जन अधिनियम-1894 व 2013 के तहत इस प्रकार के बोनस का कोई प्रविधान नहीं है।
उच्च दर पर भूमि क्रय
इसी प्रकार उच्च दर पर भूमि क्रय करने को लेकर प्रतिकर के रूप में 527.84 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया। साथ ही भू-उपयोग की विभिन्न श्रेणियों के लिए विक्रय मूल्य के निर्धारण में अनियमितता बरते जाने का मामला भी सामने आया है।
विक्रय मूल्य के निर्धारण में सरकार को लगा 6,411.29 करोड़ का चूना
ग्रेनो ने भूखंडों के विक्रय का कम मूल्य निर्धारित किया। इससे सरकार को 6,411.29 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। भूखंडों की दर निर्धारित करने के लिए इनपुट व तल क्षेत्र अनुपात, आबादी आवंटन तथा ब्याज व्यय की गणना कर भूखंडों की दर निर्धारित करनी चाहिए थी।
औद्योगीकरण का उद्देश्य पूरा करने में विफल रहा ग्रेनो
ग्रेनो ने वर्ष 1991 से लेकर 2021 तक 2,580 औद्योगिक भूखंड आवंटित किए थे, लेकिन 1,341 भूखंडों पर ही औद्योगिक इकाइयों को क्रियाशील किया जा सका था। नियमानुसार जो इकाईयां निर्धारित समय में क्रियाशील नहीं हुई थीं, उनका आवंटन निरस्त किया जाना चाहिए था। इसके चलते आवंंटियों ने जमकर लाभ कमाया। 972 आवंटियों से भूमि प्रिमियम, पट्टा किराया और ब्याज के रूप में 630.56 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि नहीं ली गई।
इकाइयों को क्रियाशील करने के लिए वर्ष 2021 तक का समय बढाया
वहीं सेक्टर इकोटेक-XI को विकसित किए बिना ही 193 भूखंडों (6.41 लाख वर्ग मीटर) का आवंटन कर दिया और इकाइयों को क्रियाशील करने के लिए वर्ष 2021 तक का समय बढा दिया।
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इससे भूमि दर में अंतर के कारण ग्रेनो को 142.35 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसी प्रकार 10 मामलों में आवंटन की राशि प्राप्त होने के बाद भी पट्टा करने में देरी के कारण 4.08 करोड़ का नुकसान हुआ।
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