CAG Report in Monsoon Session 2025 : ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण बड़े बिल्डरों से नहीं वसूल सका 10732.44 करोड़ रुपये
CAG Report in UP Monsoon Session 2025 सीएजी की रिपोर्ट में ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं में भी बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई है। वर्ष 2005-06 से 2014-15 तक 94 बिल्डरों को ग्रुप हाउसिंग भूखंड आवंटित किए गए। मार्च 2021के अंत तक इन्हें उप-विभाजित कर 183 बिल्डर व तीन ग्रुप हाउसिंग भूखंडों में परिवर्तित कर दिया गया

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विधान सभा में सीएजी की रिपोर्ट पटल पर रखी गई। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (ग्रेनो) में बड़ी अनियमितता का राजफाश किया गया है।
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (ग्रेनो) में बिना अधिग्रहण के 8000 वर्ग मीटर जमीन आवंटित करने के मामले में काफी सवाल उठे और योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (ग्रेनो) में भूमि घोटाले पर एक्शन लिया था। बिना अधिग्रहण जमीन आवंटित करने पर तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया था। मामला ग्रेनो वेस्ट के पतवाड़ी गांव से जुड़ा है, जहां 2008 में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं में भी बड़े पैमाने पर धांधली
सीएजी की रिपोर्ट में ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं में भी बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई है। वर्ष 2005-06 से 2014-15 तक 94 बिल्डरों को ग्रुप हाउसिंग भूखंड आवंटित किए गए। मार्च 2021के अंत तक इन्हें उप-विभाजित कर 183 बिल्डर व तीन ग्रुप हाउसिंग भूखंडों में परिवर्तित कर दिया गया, जबकि निर्धारित समय में केवल 27 बिल्डर व ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएं पूरी की गई। समय सीमा समाप्त होने के बाद भी ग्रेनो वर्ष 2021 तक बिल्डरों से 10,732.44 करोड़ रुपये नहीं वसूल सका था।
रिपोर्ट में यह अनियमितता भी की गई उजागर
औद्योगिक उपयोग से आवासीय उपयोग में बड़े परिवर्तन निजी बिल्डरों का लाभ पहुंचाया गया।
एलएए 1894 के तहत भूमि अर्जन व प्रतिकर के भुगतान में अनियमितता बरती गई।
मूल्य निर्धारण की प्रणाली में कमियां पाई गई हैं। विक्रय मूल्य का स्वैच्छिक निर्धारण किया गया।
फार्म हाउस के आरक्षित मूल्य के त्रुटिपूर्ण निर्धारण से राजस्व का नुकसान हुआ।
कई आवंटियों से आबादी भूखंड लागत से कम वसूली की गई।
भूमि अधिग्रहण के लिए भुगतान की गई अनुग्रह राशि वसूल नहीं की गई।
विक्रय मूल्य के त्रुटिपूर्ण निर्धारण के कारण स्टांप शुुल्क की हानि हुई।
औद्योगिक इकाइयों को क्रियाशील बनाने के लिए समय विस्तार शुल्क वसूल नहीं किया गया।
हिंडन नदी के किनारे बफर प्रदान नहीं किया गया है।
हरित क्षेत्र को परिलक्षित व संरक्षित नहीं किया गया।
भू-उपयोग के परिवर्तन के अनुमोदन के बिना स्पोर्ट सिटी-1 का कार्य शुरू करा दिया गया।
लघु खनिजों की लागत की वसूली नहीं की गई।
नौ आवंटियों के प्रिमियम बकाया की कुल राशि 1,156.53 करोड़ रुपये निकली है।
बिल्डरों के एस्क्रो खाता खोलने की शर्त की ग्रेनो पूरा नहीं करा सका।
नतीजतन 2,234.81करोड़ रुपये की राशि संययी हो गई।
पूर्णता अनुसूची का पालन न करने वाले 19 आवंटियों को प्रिमियम पर दी गई 25 प्रतिशत की छूट (201.57) करोड़ रुपये वापस नहीं लिए गए।
संस्थागत व आइटी श्रेणी के तहत वर्ष 2005-06 से 2017-18 तक किए गए आवंटनों में से पांच प्रतिशत से भी कम पर काम शुरू किया गया था।
स्पोर्टस सिटी के भूखंडों के आवंटन में भी धांधली
ग्रेनो ने स्पोर्ट सिटी के लिए अपात्र आवेदकों को भूखंड आवंटित किए। 20 में से 19 आवंटियों ने ग्रेनो को 2,329.42 करोड़ रुपये के भुगतान में चूक की।
अलबत्ता अग्रेतर स्वरूप में परिवर्तन (सीआइसी) के लिए 37.40 करोड़ रुपये का प्रभार भी आवंटियों पर नहीं लगाया गया।
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वहीं मार्च 2022 तक एक भी परियोजना पूर्ण नहीं की गई। सीएजी ने यह प्रश्न भी उठाया है कि ग्रेनो ने स्पोर्ट सिटी के स्थान पर ग्रुप हाउसिंग परियोजना को ज्यादा तवज्जो दी। इसके चलते गोल्फ कोर्स विकसित किए बिना उप-विभाजित भूखंडों के ले-आउट अनुमोदित किया गया।
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