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    UP News: नोएडा, ग्रेटर नोएडा के नक्शेकदम पर बुंदेलखंड और पूर्वांचल, सीएम योगी ने बीडा के लिए दी 13 अरब रुपये की मंजूरी

    Updated: Mon, 02 Dec 2024 06:05 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास की बयार बहनी शुरू हो गई है। बुंदेलखंड और पूर्वांचल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर औद्योगिक विकास की योजनाएं बनाई जा रही हैं। बुंदेलखंड सोलर एनर्जी का हब बन रहा है और यहां डिफेंस कॉरिडोर औद्योगिक विकास को गति दे रहा है। इसके अलावा गोरखपुर और लखनऊ में भी औद्योगिक विकास की योजनाएं बनाई जा रही हैं।

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    नोएडा, ग्रेटर नोएडा के नक्शेकदम पर बुंदेलखंड और पूर्वांचल

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड और पूर्वांचल में भी औद्योगिक विकास की बयार बहनी शुरू हो गई है। बुंदेलखंड सोलर एनर्जी का हब बन रहा है। 

    यहां डिफेंस कॉरिडोर औद्योगिक विकास को गति दे रहा है। अब सरकार की योजना कानपुर और झांसी के बीच 36 हजार एकड़ में झांसी के 33 गांवों को मिलाकर नोएडा से भी बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बीडा (बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण) बनाने की है, इस दिशा में प्रयास भी शुरू हो गए हैं।

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    योगी सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए जोड़ रही है। इस परियोजना के लिए अपने दो दिवसीय चित्रकूट दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 अरब रुपये की मंजूरी भी दे दी है।

     दशकों से बंद खाद कारखाना फिर से चालू

    इसी तरह मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में करीब दो दशकों से बंद खाद कारखाना फिर से चालू हो चुका है। वह भी पहले से अधिक उत्पादन क्षमता के साथ। गीडा भी अपनी स्थापना के करीब 35 वर्षों में निवेश का पसंदीदा स्थल बनकर उभरा है। 

    इससे उत्साहित होकर सरकार गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर करीब 800 एकड़ में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित कर रही है। 

    गोरखपुर के दक्षिणांचल में धुरियापार के आसपास ऊसर जमीन का एक बड़ा हिस्सा है। इस इलाके में करीब 5500 एकड़ में एक नई इंडस्ट्रियल सिटी बना रही है। ऐसा होने पर गोरखपुर पटना और काठमांडू के बीच निवेश का सबसे बड़ा हब बनकर उभरेगा।

    भविष्य में एनसीआर से टक्कर लेगा एससीआर

    लखनऊ के करीब के पांच जिलों को मिलाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) का गठन हो चुका है। लखनऊ और हरदोई की सीमा पर 1162 एकड़ में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना और लखनऊ अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया के 40 एकड़ क्षेत्र में आईटी पार्क, एसटीपी पार्क, इनक्यूबेशन सेंटर, स्टेट डेटा सेंटर के निर्माण से प्रदेश की राजधानी भी इंडस्ट्री का एक हब बन जाएगी। आने वाले कुछ वर्षों में राज्य राजधानी क्षेत्र, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से विकास के मामले में बराबरी करेगा।

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