Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संभल हिंसा में क्या मिला… न्यायिक जांच आयोग ने दो घंटे तक खंगाले सबूत, जामा मस्जिद के सदर से पूछताछ भी

    संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग ने अपनी जांच शुरू कर दी है। आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन ने रविवार को दो घंटे तक साक्ष्य खंगाले। उन्होंने जामा मस्जिद के अंदर व बाहर का दौरा किया।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sun, 01 Dec 2024 09:33 PM (IST)
    Hero Image
    न्यायिक आयोग की टीम को इधर से पत्थर आने की जानकारी देते डीआइजी व एसपी। जागरण

    जागरण संवाददाता, संभल। जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा की न्यायिक आयोग ने जांच शुरू कर दी है। तीन सदस्यीय आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन ने रविवार को दो घंटे तक साक्ष्य खंगाले। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वे जामा मस्जिद भी गए और मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी के सदर जफर अली व अन्य लोगों से बात कर हिंसा से जुड़े सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की। जिला व मंडल स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक भी की। आयोग के तीसरे सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद नहीं आ सके। 

    अराजकतत्वों पर चल रही कार्रवाई

    कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष व सदस्य को बिंदुवार अब तक हुई कार्रवाई से अवगत कराया गया। पूरे मामले में कार्रवाई चल रही है। अब तक की जांच में अवैध गतिविधियों में शामिल अराजकतत्वों की संलिप्तता की बात भी सामने आई है। एक-एक को चिह्नित करने का काम चल रहा है। 

    सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट में 19 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का वाद पेश किया गया था। कोर्ट के आदेश पर उसी दिन एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने मस्जिद की वीडियोग्राफी कराई थी।

    उपद्रवियों की ओर से आगजनी भी की गई 

    इसके बाद 24 नवंबर को वीडियोग्राफी कराने के दौरान हिंसा में चार लोगों की मृत्यु हो गई थी, जबकि उपद्रवियों की फायरिंग और पथराव में 30 से अधिक अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। उपद्रवियों की ओर से आगजनी भी की गई थी।

    राज्यपाल के निर्देश पर न्यायिक जांच आयोग का गठन

    राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। आयोग को दो माह में अपनी रिपोर्ट देनी है। आयोग की टीम ने सुरक्षा घेरे में जामा मस्जिद के अंदर व बाहर का दौरा किया। 

    वहां, करीब 15 मिनट रुककर मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी के सदर जफर अली व अन्य लोगों से घटना के बारे में बात की। टीम ने उस स्थान को भी देखा, जहां कार और बाइकों को आग लगाई गई थी। इसके बाद, वाटर वर्क्स की ओर जाने वाले मार्ग का भी निरीक्षण किया। 

    हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा किया। आयोग के अध्यक्ष व सदस्य से सर्वे शुरू होने से लेकर हिंसा होने तक की जानकारी जुटाई। उन्होंने अधिकारियों संग बैठक कर बिंदुवार जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि जब सभी उपद्रवियों से घिर गए तब कैसे बचाव किया? हालांकि, टीम कोई रिकॉर्ड नहीं ले गई है। 

    टीम के दोबारा आने की संभावना है। इतना ही नहीं टीम जिस दिन आएगी, लोगों को जानकारी भी दी जाएगी, जिससे यदि टीम के समक्ष कोई बात रखना चाहता है तो उसके भी बयान दर्ज किए जा सकें।